वाशिंगटन:
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने का स्वागत करते हुए कहा है कि इस मतदान से कोलंबो को साफ संकेत मिल गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय देश में शांति और स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता केटलिन हेडन ने बयान में कहा, मतदान ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय श्रीलंका के लोगों के लिए शांति, स्थिरता और खुशहाली को बढ़ावा देने हेतु श्रीलंकाई सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, अमेरिका ‘श्रीलंका में सामंजस्य और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए’ यूएनएचआरसी में प्रस्ताव पारित होने का स्वागत करता है। इस प्रस्ताव में श्रीलंका में अर्थपूर्ण सामंजस्य बढ़ाने के प्रति श्रीलंकाई सरकार से अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने को कहा गया है।
हेडन ने कहा कि श्रीलंका पिछले दो से अधिक दशकों के संघर्ष से उबर रहा है। प्रस्ताव में श्रीलंकाई सरकार से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय कानून के उल्लंघन के आरोपों की विश्वसनीय जांच कराने की बात कही गई है। एक अन्य बयान में कनाडा के विदेशमंत्री जॉन बेयर्ड ने भी श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पारित होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, प्रस्ताव पारित होने से मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों और उनके परिजनों को भरोसा होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें भूला नहीं है। बेयर्ड ने कहा, कनाडा इस मुद्दे के अलावा श्रीलंका में न्यायिक स्वतंत्रता एवं कानून व्यवस्था को कमज़ोर करने जैसे हाल के घटनाक्रम का विरोध आगे भी करेगा। मानवाधिकार परिषद् में भारत समेत 25 देशों ने श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में जबकि 13 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। आठ सदस्य अनुपस्थित रहे।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता केटलिन हेडन ने बयान में कहा, मतदान ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय श्रीलंका के लोगों के लिए शांति, स्थिरता और खुशहाली को बढ़ावा देने हेतु श्रीलंकाई सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, अमेरिका ‘श्रीलंका में सामंजस्य और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए’ यूएनएचआरसी में प्रस्ताव पारित होने का स्वागत करता है। इस प्रस्ताव में श्रीलंका में अर्थपूर्ण सामंजस्य बढ़ाने के प्रति श्रीलंकाई सरकार से अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने को कहा गया है।
हेडन ने कहा कि श्रीलंका पिछले दो से अधिक दशकों के संघर्ष से उबर रहा है। प्रस्ताव में श्रीलंकाई सरकार से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय कानून के उल्लंघन के आरोपों की विश्वसनीय जांच कराने की बात कही गई है। एक अन्य बयान में कनाडा के विदेशमंत्री जॉन बेयर्ड ने भी श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पारित होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, प्रस्ताव पारित होने से मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों और उनके परिजनों को भरोसा होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें भूला नहीं है। बेयर्ड ने कहा, कनाडा इस मुद्दे के अलावा श्रीलंका में न्यायिक स्वतंत्रता एवं कानून व्यवस्था को कमज़ोर करने जैसे हाल के घटनाक्रम का विरोध आगे भी करेगा। मानवाधिकार परिषद् में भारत समेत 25 देशों ने श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में जबकि 13 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। आठ सदस्य अनुपस्थित रहे।
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