दुनिया की आर्थिक संरचना ऐसी हो चुकी है कि हर साल गरीबों और अमीरों के बीच की खाई और गहराती जाती है. यह लंबे समय से बहस का विषय रहा है, लेकिन एक ताजा रिपोर्ट में ऐसे आंकड़े आए हैं, जो इस बहस को और आक्रामक कर सकते हैं. विश्लेषक मानते हैं कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों की संपत्ति, कमाई और उनके टैक्स के योगदान में फर्क है, लेकिन नॉन-प्रॉफिट मीडिया संगठन ProPublica की यह ताजा इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट अपने आंकड़ों से सबको हैरान कर सकती है.
इस रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका के सबसे अमीर कुछ 25 लोगों ने (जिसमें एमेजॉन के मालिक जेफ बेज़ोस और टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क का नाम भी शामिल है) पिछले कुछ सालों में अपनी संपत्ति में अपार बढ़ोतरी के बावजूद इसकी तुलना में लगभग न के बराबर इनकम टैक्स चुकाया है. ProPublica ने कथित रूप से अमेरिका की इंटरनल रेवेन्यू सर्विस से मिले डेटा के हवाले से यह जानकारी दी है.
बड़े बिजनेसमेन ने नहीं भरा टैक्स
रिपोर्ट में बताया गया है कि जेफ बेज़ोस ने 2007 में इनकम टैक्स में एक कौड़ी नहीं चुकाई थी, जबकि उस टाइम वो मल्टीबिलियनेयर थे और अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं. 2011 में भी उन्होंने टैक्स नहीं चुकाया. वहीं दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन चुके इलॉन मस्क ने 2018 में फेडरल इनकम टैक्स के रूप में एक पैसा नहीं दिया.
बड़े बिजनेसमैन माइकल ब्लूमबर्ग ने भी पिछले कुछ सालों में टैक्स बचाने में कामयाब रहे. वहीं अरबपति निवेश कार्ल इकान ने दो साल टैक्स नहीं भरा. जॉर्ज सोरोस ने लगातार तीन साल तक टैक्स का एक पैसा नहीं भरा.
कोरोना के कहर के बीच 10 अरबपतियों ने बनाई इतनी संपत्ति कि खत्म हो सकती है दुनिया की गरीबी : Oxfam
कैसे निकाली टैक्स की देनदारी
प्रोपब्लिका ने अमेरिका के कुछ अमीरों की पिछले कुछ सालों में बढ़ी संपत्ति को ध्यान में रखते हुए आंकड़ों का विश्लेषण किया और बताया कि ये अमीर महज 3.4 फीसदी 'ट्रू टैक्स रेट' चुका रहे थे. संस्था ने इन अमीर बिजनेसमैन के स्टॉक पोर्टफोलियो और दूसरी संपत्तियों को कुल मिलाकर गणना की और उसकी टैक्स देनदारी निकाली, जो आंकड़े निकले, उसके मुकाबले इनकी ओर से चुकाया जा रहा टैक्स न के बराबर था.
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका का टैक्स सिस्टम कैसे कम आय वाले लोगों के लिए सख्त है, लेकिन अमीर कैसे अपने हिस्से का टैक्स बचा ले जाते हैं क्योंकि अमीर बिजनेसमैन अकसर टैक्स बचाने के लिए अपनी सपंत्ति को कई हिस्सों में बांटकर इसे स्टॉक या फिर रियल एस्टेट में निवेश कर देते हैं और इससे मिले प्रॉफिट पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती है.
IRS ने की जांच शुरू
आईआरएस ने प्राइवेट टैक्स डॉक्यूमेंट्स के लीक को लेकर जांच भी शुरू कर दी है. कई अन्य बड़ी मीडिया संस्थाओं ने प्रोपब्लिका से यह जानने की कोशिश की कि उसे यह डेटा कहां से मिला, लेकिन संस्था ने इसका खुलासा करने से मना कर दिया है. संस्था ने अपने 'The Secret IRS Files: Trove of Never-Before-Seen Records Reveal How the Wealthiest Avoid Income Tax' शीर्षक से छपे लेख में अमेरिका के हजारों अमीरों के 15 साल तक के पुराने टैक्स डॉक्यूमेंट्स को हासिल कर यह रिपोर्ट लिखी है.
बता दें कि अमेरिका में टैक्स सिस्टम को लेकर बहस पुरानी है. डेमोक्रेट्स कहते रहे हैं कि देश के सबसे अमीरों को उनकी संपत्ति के हिसाब से टैक्स चुकाना चाहिए. राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भी इस पहलु पर काम करने की बात कही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं