वाशिंगटन:
अमेरिका ने दिल्ली गैंगरेप पीड़िता को अंतरराष्ट्रीय साहसिक महिला पुरस्कार देने का फैसला किया है। एक आधिकारिक घोषणा में सोमवार कहा गया कि गैंगरेप पीड़िता को मरणोपरांत इस सम्मान से 8 मार्च को अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा और विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा नवाजा जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने दुनियाभर की 10 महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा के मौके पर ‘निर्भया’ के बारे में कहा कि भारत की करोड़ों महिलाओं के लिए उसका निजी कटु अनुभव, न्याय की जंग के लिए दृढ़ता और उसके परिवार की निरंतर बहादुरी महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाले कलंक और असुरक्षा को हटाने में मदद कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीड़िता ने अस्पताल में रहते हुए पुलिस को दो बार बयान दिए, छह हमलावरों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की बार-बार मांग की और न्याय को होते हुए देखने के लिए जीवित रहने की इच्छा जताई।
मंत्रालय ने कहा कि उसके संघर्ष से प्रेरित कई भारतीयों की तरह उसका भी कामकाजी वर्ग के परिवार में जन्म हुआ। परिवार ने उसके सपनों में निवेश करके चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई कराई थी।
मंत्रालय के अनुसार, उसने एक फिजियोथेरेपी कार्यक्रम में स्नातक किया था, जिसके बाद उसका जीवन समाप्त हो गया। मंत्रालय ने कहा कि हमले के दो हफ्तों बाद पीड़िता की मौत के बीच भारत के समाज ने कानून कड़ा करने की वकालत की और हर तरह की लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सामाजिक कार्यक्रम का समर्थन किया ताकि बलात्कार के मामलों में उच्च दोषसिद्धि दर सुनिश्चित हो और महिलाओं को लेकर संवेदनशील कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली हो।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन प्रयासों के कारण भारतीय सरकार ने इन मांगों पर कार्रवाई शुरू की।
गौरतलब है कि पैरामेडिकल छात्रा के साथ दिल्ली में बीते साल दिसंबर में सामूहिक बलात्कार किया गया था, जिसके विरोध में देशभर में आंदोलन हुआ था।
वर्ष 2007 में इस पुरस्कार की शुरुआत होने के बाद से विदेश मंत्रालय ने 45 अलग-अलग देशों से 67 महिलाओं को सम्मानित किया है।
इस साल यह पुरस्कार जीतने वाली अन्य महिलाएं अफगानिस्तान की मलालाई बहादुरी, मिस्र की समीरा इब्राहिम, होंडुरास की ज्यूलियट कास्टेलानोस, नाइजीरिया की डॉक्टर जोसेफिन ओबीयाजुलु ओदुमाकिन, रूस की ऐलेना मिलाशिना और सोमालिया की फातरुन एडन हैं।
इसके अलावा तिब्बती लेखिका सेरिंग वोइसर, मानवाधिकार कार्यकर्ता रजां जेतुनाह और वियतनाम की ब्लागर ता फोंग तान को उनकी अनुपस्थिति में सम्मानित किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने दुनियाभर की 10 महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा के मौके पर ‘निर्भया’ के बारे में कहा कि भारत की करोड़ों महिलाओं के लिए उसका निजी कटु अनुभव, न्याय की जंग के लिए दृढ़ता और उसके परिवार की निरंतर बहादुरी महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाले कलंक और असुरक्षा को हटाने में मदद कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीड़िता ने अस्पताल में रहते हुए पुलिस को दो बार बयान दिए, छह हमलावरों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की बार-बार मांग की और न्याय को होते हुए देखने के लिए जीवित रहने की इच्छा जताई।
मंत्रालय ने कहा कि उसके संघर्ष से प्रेरित कई भारतीयों की तरह उसका भी कामकाजी वर्ग के परिवार में जन्म हुआ। परिवार ने उसके सपनों में निवेश करके चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई कराई थी।
मंत्रालय के अनुसार, उसने एक फिजियोथेरेपी कार्यक्रम में स्नातक किया था, जिसके बाद उसका जीवन समाप्त हो गया। मंत्रालय ने कहा कि हमले के दो हफ्तों बाद पीड़िता की मौत के बीच भारत के समाज ने कानून कड़ा करने की वकालत की और हर तरह की लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सामाजिक कार्यक्रम का समर्थन किया ताकि बलात्कार के मामलों में उच्च दोषसिद्धि दर सुनिश्चित हो और महिलाओं को लेकर संवेदनशील कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली हो।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन प्रयासों के कारण भारतीय सरकार ने इन मांगों पर कार्रवाई शुरू की।
गौरतलब है कि पैरामेडिकल छात्रा के साथ दिल्ली में बीते साल दिसंबर में सामूहिक बलात्कार किया गया था, जिसके विरोध में देशभर में आंदोलन हुआ था।
वर्ष 2007 में इस पुरस्कार की शुरुआत होने के बाद से विदेश मंत्रालय ने 45 अलग-अलग देशों से 67 महिलाओं को सम्मानित किया है।
इस साल यह पुरस्कार जीतने वाली अन्य महिलाएं अफगानिस्तान की मलालाई बहादुरी, मिस्र की समीरा इब्राहिम, होंडुरास की ज्यूलियट कास्टेलानोस, नाइजीरिया की डॉक्टर जोसेफिन ओबीयाजुलु ओदुमाकिन, रूस की ऐलेना मिलाशिना और सोमालिया की फातरुन एडन हैं।
इसके अलावा तिब्बती लेखिका सेरिंग वोइसर, मानवाधिकार कार्यकर्ता रजां जेतुनाह और वियतनाम की ब्लागर ता फोंग तान को उनकी अनुपस्थिति में सम्मानित किया जाएगा।
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