अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो (US Secretary of State Mike Pompeo) ने गुरुवार को चीन पर भड़कते हुए कहा कि चीन भारत और भूटान में उसकी हालिया घुसपैठ (Chinese Incursion) की घटनाएं उसके इरादे जाहिर करती हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शासन में चीन यह देखने की कोशिश कर रहा है कि अगर वो ऐसा करता है तो दूसरे देशों से उसे विरोध देखने को मिलेगा या नहीं. बता दें कि भारत और चीन की सेना के बीच 5 मई से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई इलाकों में तीखा गतिरोध बना हुआ है. जून में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी.
वहीं, चीन ने हाल ही में Global Environment Facility (GEF) Council में भूटान के साकतेंग वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी (Sakteng Wildlife Sanctuary) पर अपना दावा जताया है ओर इस प्रोजेक्ट की फंडिंग का विरोध किया है.
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पॉम्पियो ने गुरुवार को House Foreign Affairs Committee की कांग्रेस में सुनवाई के दौरान कहा कि 'मुझे लगता है कि चीन दशकों से दुनिया को अपनी इन हरकतों से एक संदेश देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जनरल सेक्रेटरी शी जिनपिंग के पॉवर में आने के बाद से तो निश्चित रूप से वो ऐसा कर रहा है.' उन्होंने कहा कि चीन अपनी पहुंच और अपनी शक्ति बढ़ाना चाहता है.
पॉम्पियो ने कहा, 'वो चीनी शासन के चरित्रों से मिला-जुला समाजवाद लाने की बात करते हैं. लेकिन भूटान में जो अब उन्होंने रियल एस्टेट पर दावा जताया है, और भारत में जो हालिया घुसपैठ हुई है, ये सब चीन के असली इरादे जाहिर कर रहे हैं और वो देख रहे हैं, परीक्षा ले रहे हैं कि क्या बाकी दुनिया उसकी धमकियों और उसके इस रौब का विरोध करेगी या नहीं.'
उन्होंने कहा कि 'मैं अब पहले से ज्यादा विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दुनिया इसके लिए तैयार है. हमें बहुत काम करना है और हमें इसके प्रति गंभीर होना होगा.' पॉम्पियो ने अपने बयान में कमिटी को यह जानकारी दी कि भारत ने 106 चीनी मोबाइल ऐप्लीकेशन्स को बैन कर दिया है.
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