अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर (Mark T Espar) ‘टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय वार्ता (Ministerial Talks) के लिए सोमवार को यहां पहुंचेंगे. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. भारत का चीन के साथ जारी सीमा विवाद और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से एक हफ्ते पहले वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने दोनों नेता यहां आ रहे हैं. टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को होगी. वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.
वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें हिंद -प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है.
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने ट्वीट में लिखा, "भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मेरी यात्रा शुरू हुई. स्वतंत्र, मजबूत और समृद्ध राष्ट्रों से बने मुक्त और खुले भारत प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के खातिर हमारे भागीदारों से जुड़ने के अवसर के लिए आभारी हूं."
Wheels up for my trip to India, Sri Lanka, Maldives, and Indonesia. Grateful for the opportunity to connect with our partners to promote a shared vision for a free and open #IndoPacific composed of independent, strong, and prosperous nations. pic.twitter.com/IoaJvtsHZC
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) October 25, 2020
पिछले कुछ महीने से अमेरिका कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर चीन पर हमले कर रहा है जिसमें भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में इसकी सैन्य उग्रता और हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने का तरीका शामिल है. पोम्पियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा. उम्मीद है कि दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका (बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट) को भी अंतिम रूप देंगे ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके. बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है. पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में काफी तेजी आई है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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