व्हाइट हाउस (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने ओबामा प्रशासन से कहा है कि वह भारत और चीन समेत 23 देशों के नागरिकों को प्रवासी और गैर-प्रवासी वीजा जारी करना बंद कर दे। सीनेटर ने आरोप लगाया कि ये देश अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस लेने के मामले में सहयोगात्मक रुख नहीं दिखाते हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रैसले ने गृह सुरक्षा मंत्री जे. जॉनसन को लिखे एक पत्र में कहा कि ओबामा प्रशासन ‘‘उन देशों को जवाबदेह ठहराने में विफल रहा है, जो अमेरिका से निकाले जाने का आदेश पा चुके अपने नागरिकों को वापस नहीं लेते।’’ उन्होंने कहा कि इस वजह से हजारों अपराधी छूटकर अमेरिकी समुदायों में आ जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार, देश में अवैध रूप से आने या वीजा की तय अवधि से ज्यादा समय तक रुकने के अलावा इन लोगों का आपराधिक इतिहास भी होता है।’’ ग्रैसले ने कहा, ‘‘हत्यारों समेत खतरनाक अपराधियों को हर दिन छोड़ा जा रहा है क्योंकि उनके अपने देश उन्हें वापस लेने में सहयोग नहीं करेंगे।’’ सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष ग्रैसले ने कहा कि वित्त वर्ष 2015 में ही, इन हठी देशों के फैसले और असहयोग के कारण अमेरिका में 2,166 लोगों को छोड़ा गया था। पिछले दो साल में 6,100 से ज्यादा लोग छोड़े गए।
ग्रैसले ने कहा कि इस समय, अमेरिका ने 23 देशों को असहयोगी करार दिया हुआ है। इनमें पांच शीर्ष हठी देश क्यूबा, चीन, सोमालिया, भारत और घाना हैं। इसके अलावा अमेरिका आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन उन अन्य 62 देशों का निरीक्षण कर रहा है, जहां से सहयोग में दिक्कतें तो आ रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें असहयोगी करार नहीं दिया गया है। जॉनसन को लिखे पत्र में ग्रैसले ने उन्हें याद दिलाया कि कांग्रेस ने इस समस्या का निपटान आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 243 (डी) को लागू कर किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘धारा 243 (डी) के तहत विदेश मंत्री को किसी देश को आपसे यह नोटिस मिलने के बाद प्रवासी या अप्रवासी वीजा देना बंद करना होता है कि अमुक देश ने किसी नागरिक या निवासी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है या फिर वह उसे स्वीकार करने में बेवजह देरी कर रहा है।’’ ग्रैसले ने कहा, ‘‘इसका इस्तेमाल एक बार वर्ष 2001 में गुआना के मामले में किया जा चुका है। वहां इसका तत्काल प्रभाव पड़ा था। इसका नतीजा दो माह के भीतर गुआना से सहयोग के रूप में सामने आया था।’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रैसले ने गृह सुरक्षा मंत्री जे. जॉनसन को लिखे एक पत्र में कहा कि ओबामा प्रशासन ‘‘उन देशों को जवाबदेह ठहराने में विफल रहा है, जो अमेरिका से निकाले जाने का आदेश पा चुके अपने नागरिकों को वापस नहीं लेते।’’ उन्होंने कहा कि इस वजह से हजारों अपराधी छूटकर अमेरिकी समुदायों में आ जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कई बार, देश में अवैध रूप से आने या वीजा की तय अवधि से ज्यादा समय तक रुकने के अलावा इन लोगों का आपराधिक इतिहास भी होता है।’’ ग्रैसले ने कहा, ‘‘हत्यारों समेत खतरनाक अपराधियों को हर दिन छोड़ा जा रहा है क्योंकि उनके अपने देश उन्हें वापस लेने में सहयोग नहीं करेंगे।’’ सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष ग्रैसले ने कहा कि वित्त वर्ष 2015 में ही, इन हठी देशों के फैसले और असहयोग के कारण अमेरिका में 2,166 लोगों को छोड़ा गया था। पिछले दो साल में 6,100 से ज्यादा लोग छोड़े गए।
ग्रैसले ने कहा कि इस समय, अमेरिका ने 23 देशों को असहयोगी करार दिया हुआ है। इनमें पांच शीर्ष हठी देश क्यूबा, चीन, सोमालिया, भारत और घाना हैं। इसके अलावा अमेरिका आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन उन अन्य 62 देशों का निरीक्षण कर रहा है, जहां से सहयोग में दिक्कतें तो आ रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें असहयोगी करार नहीं दिया गया है। जॉनसन को लिखे पत्र में ग्रैसले ने उन्हें याद दिलाया कि कांग्रेस ने इस समस्या का निपटान आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 243 (डी) को लागू कर किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘धारा 243 (डी) के तहत विदेश मंत्री को किसी देश को आपसे यह नोटिस मिलने के बाद प्रवासी या अप्रवासी वीजा देना बंद करना होता है कि अमुक देश ने किसी नागरिक या निवासी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है या फिर वह उसे स्वीकार करने में बेवजह देरी कर रहा है।’’ ग्रैसले ने कहा, ‘‘इसका इस्तेमाल एक बार वर्ष 2001 में गुआना के मामले में किया जा चुका है। वहां इसका तत्काल प्रभाव पड़ा था। इसका नतीजा दो माह के भीतर गुआना से सहयोग के रूप में सामने आया था।’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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