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This Article is From Apr 24, 2020

COVID-19: अमेरिकी विज्ञानियों का दावा - सूरज की किरणों में जल्दी खत्म हो जाता है कोरोनावायरस

अमेरिका के अधिकारियों ने एक रिसर्च के हवाले से बताया है कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोनावायरस (Coronavirus) जल्दी खत्म हो जाता है.

COVID-19: अमेरिकी विज्ञानियों का दावा - सूरज की किरणों में जल्दी खत्म हो जाता है कोरोनावायरस
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कोरोना को लेकर यह दावा किया है. (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
धूप में आते ही खत्म हो जाता है कोरोनावायरस
दुनियाभर में कोरोना से 26 लाख से ज्यादा संक्रमित
कोरोना से अब तक हो चुकी है डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत
वॉशिंगटन:

अमेरिका के अधिकारियों ने एक रिसर्च के हवाले से बताया है कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोनावायरस (Coronavirus) जल्दी खत्म हो जाता है. हालांकि इस रिसर्च को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है क्योंकि बाहरी तौर पर इसका मूल्यांकन किया जा रहा है. होमलैंड सिक्योरिटी के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के एडवाइजर विलियम ब्रायन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताया कि सरकारी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि सूरज की किरणों का पैथोगेन पर संभावित असर पड़ता है.

उन्होंने कहा, 'आज तक की हमारी रिसर्च में सबसे खास बात यह पता चली है कि सौर प्रकाश सतह और हवा में इस वायरस को मारने की क्षमता रखता है. तापमान और नमी में भी इसी तरह के नतीजे सामने आए हैं.' ब्रायन ने मैरीलैंड स्थित नेशनल बायोडिफेंस एनालिसिस एंड काउंटर मेजर्स सेंटर की एक रिसर्च को भी प्रस्तुत किया. इसके अनुसार देखा गया कि 21 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान (20 फीसदी नमी) में करीब 18 घंटे में वायरस आधा खत्म हो गया था. दरवाजों के हैंडल और स्टेनलेस स्टील पर भी इसका असर इतना ही था. नमी को 80 फीसदी बढ़ाए जाने के बाद आधा वायरस 6 घंटे में खत्म हो गया. जब इसी परीक्षण को सूरज की किरणों के बीच किया गया तो इसे खत्म होने में दो मिनट लगे.

समान परिस्थितियों में हवा में यह वायरस डेढ़ मिनट में खत्म हो जाता है. ब्रायन ने अपनी बात यह कहते हुए खत्म की कि गर्मी के मौसम में इस तरह का वातावरण पैदा होगा कि यह वायरस लोगों में कम फैलेगा. उन्होंने इस बात को भी साफ किया कि यह हमारे लिए गैर-जिम्मेदाराना होगा कि अगर हम मानें कि गर्मी आते ही यह वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और सब मुक्त हो जाएंगे और लोग इसके बचाव से जुड़ी गाइडलाइन को अनदेखा करेंगे. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य बचाव के तरीके फिर भी अपनाते रहने होंगे.

टेक्सास स्थित ए एंड एम यूनिवर्सिटी में बॉयोलॉजिकल साइंसेज के चेयरमैन बेंजामिन न्यूमैन ने इस बारे में कहा, 'अच्छा होगा अगर पता चले कि ये टेस्ट किस तरह से किया गया है और नतीजों को किस आधार पर मापा गया है. यह खराब तरीके से नहीं किया गया होगा क्योंकि वायरस को गिनने के कई तरीके होते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस दृष्टिकोण से पढ़ना चाहते हैं.'

बता दें कि गर्म देशों में इस वायरस के फैलने के कम ही मामले सामने आए हैं. ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के 7000 मामले सामने आए और 77 लोगों की मौत हुई. कई अन्य देशों में भी इस वायरस के फैलने के कम ही मामले सामने आए. अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना ​​है कि भले ही COVID-19 के मामले गर्मियों में धीमे हो जाते हैं, अन्य बीमारियों की तरह सर्दी में फिर से इसके बढ़ने की संभावना है. फिलहाल इसपर रिसर्च चल रही है और जल्द सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा की जाएगी. काफी समय पहले भी इस बारे में कहा गया था कि अल्ट्रावायलेट लाइट वायरस पर प्रभाव डालती है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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