पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा... (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्यों से कहा कि वे सोल में शुरू होने वाली अपनी बैठक के दौरान एनएसजी में शामिल होने संबंधी भारत के आवदेन पर विचार करें और उसे समर्थन दें।
भारत को समर्थन दें
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है और यह कुछ समय से अमेरिका की नीति रही है कि भारत सदस्यता के लिए तैयार है और अमेरिका भाग लेने वाली सरकारों से अपील करता है कि वे एनएसजी की पूर्ण बैठक में भारत के आवेदन को समर्थन दें।
चीन के बयान के बाद अमेरिका ने कहा
अर्नेस्ट ने कहा, साथ ही, किसी भी आवेदक को समूह में शामिल करने के लिए भाग लेने वाली सरकारों को सर्वसम्मति से निर्णय पर पहुंचने की आवश्यकता होगी और अमेरिका भारत की सदस्यता की निश्चित रूप से वकालत करेगा। अर्नेस्ट का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने कहा है कि भारतीय की सदस्यता का मामला एनएसजी की बैठक के एजेंडे में नहीं है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में अर्नेस्ट की बात दोहराई।
चीन ने कहा एजेंडे में नहीं
चीन ने कहा है कि इसी सप्ताह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में होने वाली 48-सदस्यीय न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की बैठक के एजेंडे में भारत की सदस्यता का मुद्दा नहीं है। इस बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारत को एनएसजी में शामिल किए जाने को लेकर ग्रुप के सदस्यों के बीच मतैक्य नहीं बन पाया है। चीन का यह बयान हैरान करने वाला है, क्योंकि भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को ही कहा था कि चीन इस ग्रुप में भारत की सदस्यता के खिलाफ नहीं है, और यह सिर्फ प्रक्रिया का मुद्दा है।
यह भी पढ़ें- भारत को सदस्यता दिया जाना एनएसजी की सियोल बैठक के एजेंडे में नहीं : चीन
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भारत को समर्थन दें
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है और यह कुछ समय से अमेरिका की नीति रही है कि भारत सदस्यता के लिए तैयार है और अमेरिका भाग लेने वाली सरकारों से अपील करता है कि वे एनएसजी की पूर्ण बैठक में भारत के आवेदन को समर्थन दें।
चीन के बयान के बाद अमेरिका ने कहा
अर्नेस्ट ने कहा, साथ ही, किसी भी आवेदक को समूह में शामिल करने के लिए भाग लेने वाली सरकारों को सर्वसम्मति से निर्णय पर पहुंचने की आवश्यकता होगी और अमेरिका भारत की सदस्यता की निश्चित रूप से वकालत करेगा। अर्नेस्ट का बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने कहा है कि भारतीय की सदस्यता का मामला एनएसजी की बैठक के एजेंडे में नहीं है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में अर्नेस्ट की बात दोहराई।
चीन ने कहा एजेंडे में नहीं
चीन ने कहा है कि इसी सप्ताह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में होने वाली 48-सदस्यीय न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की बैठक के एजेंडे में भारत की सदस्यता का मुद्दा नहीं है। इस बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारत को एनएसजी में शामिल किए जाने को लेकर ग्रुप के सदस्यों के बीच मतैक्य नहीं बन पाया है। चीन का यह बयान हैरान करने वाला है, क्योंकि भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को ही कहा था कि चीन इस ग्रुप में भारत की सदस्यता के खिलाफ नहीं है, और यह सिर्फ प्रक्रिया का मुद्दा है।
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)