अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर (Mathew Miller) ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका (America) ने भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) को तनाव से बचने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन प्रशासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की उस टिप्पणी से चिंतित है कि भारत आतंकवादियों को उनके घरों में मारने में संकोच नहीं करेगा, मिलर ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा है, संयुक्त राज्य अमेरिका इसमें शामिल नहीं होगा." लेकिन हम भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मिलर ने कहा कि वह कभी भी किसी प्रतिबंध कार्रवाई का पूर्वावलोकन नहीं करेंगे और "अमेरिका प्रतिबंधों के बारे में खुलकर चर्चा नहीं करता है." जब मिलर से पूछा गया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की कथित हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत पर कोई प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया है तो उन्होंने कहा, "मैं कभी किसी भी प्रतिबंध की कार्रवाई का पूर्वावलोकन नहीं करने जा रहा हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोई प्रतिबंध लगने वाला है. लेकिन जब आप मुझसे प्रतिबंध पर बात करने के लिए कहते हैं तो यह कुछ ऐसा है जिस पर हम खुलकर चर्चा नहीं करते हैं."
गुरपतवंत सिंह पन्नून भारत द्वारा नामित आतंकवादी है और उसने बार-बार भारत के खिलाफ धमकियां जारी की हैं. अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग के अनुसार, एक भारतीय नागरिक, निखिल गुप्ता, जो वर्तमान में हिरासत में है, पर पन्नून की हत्या का आरोप है.
अमेरिकी न्याय विभाग ने पहले दावा किया था कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी पहचान सामने नहीं आई, ने कथित तौर पर पन्नून की हत्या करने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए गुप्ता को भर्ती किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने विफल कर दिया था. बता दें, पिछले साल भारत ने नाकाम हत्या की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को कहा था कि बीजेपी सरकार में पिछले 10 सालों में "आतंकवादियों को उनकी जमीन पर मारा गया है". उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उनकी सरकार द्वारा लिए गए अहम फैसलों के बारे में बात की थी और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनडीए शासन के तहत ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया था.
पीएम मोदी ने कहा था, "आज देश में एक मजबूत सरकार है. इस मजबूत मोदी सरकार में आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है. भारतीय तिरंगा युद्ध क्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बन गया है. 7 दशकों के बाद अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाया गया और तीन तलाक पर कानून लाया गया है. यह हमारी मजबूत सरकार थी जिसने संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया और सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिला."
भारत ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और इस्लामाबाद के साथ संबंधों को सुधारने के लिए वह आतंकवाद को अलग नहीं रख सकता. नई दिल्ली ने यह भी कहा है कि ऐसा अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है जिसमें कोई आतंक, शत्रुता या हिंसा न हो.
एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा था, अगर पाकिस्तान की मंशा साफ है तो उसे सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा था, "अगर पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश करेगा तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे. पाकिस्तान को आतंकवाद पर काबू पाना होगा. अगर पाकिस्तान को लगता है कि वह इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है, अगर उन्हें लगता है कि वे सक्षम नहीं हैं, तो भारत पड़ोसी है, अगर वे भारत की मदद लेना चाहते हैं, तो उन्हें लेनी चाहिए. भारत आतंकवाद से निपटने के लिए हर तरह की मदद देने को तैयार है."
जब राजनाथ सिंह से घर में घुस कर मारेंगे वाली टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए हम हर जरूरी कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा, "हम आतंकवादियों को भारतीय सीमा के भीतर काम करने की अनुमति नहीं देंगे. हम इसे रोकने के लिए सब कुछ करेंगे."
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