विज्ञापन

US President Election: दो हिस्सों में बंटे ये कॉर्पोरेट दिग्गज, ट्रंप और कमला हैरिस को दिया इतना चंदा

अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections 2024) में कॉर्पोरेट वर्ल्ड भी बंट गया है. कोई ट्रंप को खुले तौर पर समर्थन दे रहा है तो किसी को मला हैरिस पसंद हैं, उनको दिल खोल कर चंदा दे रहा है, इन कंपनियों के बारे में जानिए.

US President Election: दो हिस्सों में बंटे ये कॉर्पोरेट दिग्गज, ट्रंप और कमला हैरिस को दिया इतना चंदा
ट्रंप और कमला हैरिस पर बंटा अमेरिका का कॉर्पोरेट वर्ल्ड.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US President Elections 2024) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, इसका असर भी दिखाई देने लगा है. राजनीतित आधार पर विभाजन बढ़ता जा रहा है. चुनाव नजदीक आते ही अमेरिका का कॉर्पोरेट वर्ल्ड भी बंट गया है. कोई ट्रंप तो कोई कमला हैरिस को पसंद कर रहा है. टेक दिग्गज, बैंकिंग दिग्गज समेत बड़ी, क्षेत्रीय और छोटी फ़र्म भी बंट गई हैं.  5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है. डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधा मुकाबला है.  इस बीच बिजनेस वर्ल्ड भी कमला हैरिस और ट्रंप के बीच बंट गया है. 

टेक दिग्गज कंपनियां कमला हैरिस के साथ

अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां भी इस मुहिम में शामिल हो गई हैं. वह अपने चुने हुए उम्मीदवार के साथ खड़ी नजर आ रही हैं. पॉलिटिकल वॉचडॉग ओपनसीक्रेट की तरफ से सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल (अल्फाबेट), अमेजन और सन माइक्रोसिस्टम्स के वर्कर्स ने कमला हैरिस के कैंपेन के लिए लाखों डॉलर डोनेट किए हैं. हैरिस को मिला डोनेशन ट्रंप कैंपेन को मिले चंदे से कहीं ज्यादा है. 

Latest and Breaking News on NDTV
  • भारतीय-अमेरिकी अरबपति और सन माइक्रोसिस्टम्स के को-फाउंडर विनोद खोसला और वेंचर कैपिटलिस्ट रीड हॉफमैन  कमला हैरिस के समर्थक हैं.
  • सत्या नडेला भी कमल की माइक्रोसॉफ्ट भी कमला हैरिस को समर्थन दे रही है. हैरिस के कैंपेन के लिए कंपनी ने 1.1 मिलियन डॉलर का चंदा दिया है.
  • जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली अमेज़ॅन ने 1 मिलियन डॉलर का चंदा हैरिस को दिया है.
  • इन कंपनियों ने ट्रंप कैंपेन के लिए बहुत कम चंदा दिया है.  माइक्रोसॉफ्ट से 88,000 डॉलर और अमेज़ॅन और उनके कर्मचारियों ने ट्रंप को 116,000 डॉलर चंदा में दिए हैं.
  • सिलिकॉन वैली में 100 से ज्यादा बिजनेसमैन और पूंजीपतियों और बड़ी टेक कंपनियों ने कमला हैरिस का समर्थन किया है.
  • चुनाव फंडिंग डेटा से पता चला है कि गूगल (अल्फाबेट) और उसकी सहायक कंपनियों ने कमला हैरिस को 2.16 मिलियन डॉलर का डोनेशन दिया है. इसकी तुलना में, उन्हीं कंपनियों ने ट्रंप अभियान को बहुत कम चंदा दिया है. 

ट्रंप समर्थक कंपनियों के बारे में जानिए

एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग जैसे टेक अरबपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने ट्रंप के चुनावी अभियान के लिए सीधे तौर पर कितना चंदा दिया है, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने दक्षिणपंथी "सेंसरशिप" नेरेटिव्स को सपोर्ट करते हुए सार्वजनिक बयान दिए और डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की. बाद में उन्होंने दावा किया कि वह "न्यूट्रल " और गैर-पक्षपाती दिखना चाहते थे.

Latest and Breaking News on NDTV
  • एलन मस्क खुलकर ट्रंप को समर्थन कर रहे हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक,  मस्क ने जुलाई में कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से हर महीने अमेरिका पीएसी नाम के एक संगठन को 45 मिलियन डॉलर डोनेट कर रहे हैं, जो बदले में ट्रंप अभियान की देखभाल करता है.
  • पीटर थील नाम के एक बड़े वेंचर कैपिटलिस्ट भी खुले तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन दे रहे हैं.
  • बैंकिंग और कच्चे तेल की कंपनियों का झुकाव ट्रंप की तरफ देखा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने इन क्षेत्रों में कम टैक्स और कम रेगुलेशन का वादा किया है.
  • यहां तक ​​कि अमेरिकी शेयर बाजार ने भी उस भावना को प्रतिबिंबित किया जब रिपब्लिकन नेता के खिलाफ हत्या के प्रयास किए गए थे.
  • ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल दिग्गजों के सीईओ भी ट्रंप को समर्थन करते दिख रहे हैं, क्यों कि ट्रंप ने खुले तौर पर कहा है कि वह जलवायु परिवर्तन में विश्वास नहीं करते. वह ऊर्जा के लिए कोयले और तेल में विश्वास करते हैं. क्यों कि इससे अमेरिका को फा.दा होगा.
  • बैंकर्स को लगता है कि बाइडेन प्रशासन के तहत लागू किए गए सख्त नियमों को डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने पर वापस ले लेंगे.
  • कुछ लोगों को लगता है कि ट्रंप बाइडेन प्रशासन द्वारा सुझाए गए नए बैंकिंग नियम लागू हीं होने देंगे. इसलिए बड़ी बैंकिंग दिग्गज और तेल कंपनियां डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर रही हैं.

जुकरबर्ग ने बाइडेन प्रशासन पर ये क्या कह दिया

रिपोर्ट के मुताबिक, जुकरबर्ग ने पावरफुल हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि बाइडेन प्रशासन ने मेटा पर कंटेंट को "सेंसर" करने के लिए "दबाव" डाला था. उन्होंने कहा, "2021 में, व्हाइट हाउस समेत बाइडेन प्रशासन के सीनियर अधिकारियों ने हास्य और व्यंग्य समेत कुछ COVID-19 कंटेंट तो सेंसर करने के लिए महीनों तक हमारी टीमों पर बार-बार दबाव डाला और हमारे सहमत होने तक निराशा जताते रहे."जुकरबर्ग की इस चिट्ठी को हथियार बनाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि 2020 का चुनाव छीना गया था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com