वाशिंगटन:
अमेरिका ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से कथित संबंधों के चलते ईरान, हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों और लोगों के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में यह दावा किया गया है।
जुलाई में तेहरान द्वारा वैश्विक शक्तियों के साथ मिलकर एक परमाणु संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत यह कहा गया था कि वाशिंगटन ईरान के इस कार्यक्रम को लेकर लगाए गए अलग-अलग प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटा लेगा। उस संधि के बाद से ईरान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की दिशा में यह पहला कदम होगा।
इन नियोजित प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी या विदेशी नागरिकों के लिए इन कंपनियों या लोगों के साथ कारोबार करना प्रतिबंधित होगा। अमेरिकी बैंक इन प्रतिबंधित कंपनियों या लोगों की अमेरिका में मौजूद संपत्ति को भी कुर्क करेंगे।
एएफपी ने प्रतिक्रिया के लिए जब वित्त विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें तत्काल नहीं मिल सका। वहीं, ईरान सरकार ने भी संभावित नए प्रतिबंधों पर जर्नल में छपी खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन ईरानी अधिकारी पहले यह चेतावनी दे चुके हैं कि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी इन अमेरिकी प्रतिबंधों को परमाणु संधि के उल्लंघन के रूप में देखेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने कल जर्नल को बताया था कि वित्त विभाग के पास उन ईरानी संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का अधिकार है, जो मिसाइल विकास में कथित तौर पर शामिल हैं, या अधिकारों के उल्लंघनों या अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि जुलाई की संधि के बाद से अब तक ईरान दो बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रायोगिक परीक्षण कर चुका है। ईरान का कहना है कि उसका मिसाइल कार्यक्रम सिर्फ रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है।
जुलाई में तेहरान द्वारा वैश्विक शक्तियों के साथ मिलकर एक परमाणु संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत यह कहा गया था कि वाशिंगटन ईरान के इस कार्यक्रम को लेकर लगाए गए अलग-अलग प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटा लेगा। उस संधि के बाद से ईरान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की दिशा में यह पहला कदम होगा।
इन नियोजित प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी या विदेशी नागरिकों के लिए इन कंपनियों या लोगों के साथ कारोबार करना प्रतिबंधित होगा। अमेरिकी बैंक इन प्रतिबंधित कंपनियों या लोगों की अमेरिका में मौजूद संपत्ति को भी कुर्क करेंगे।
एएफपी ने प्रतिक्रिया के लिए जब वित्त विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें तत्काल नहीं मिल सका। वहीं, ईरान सरकार ने भी संभावित नए प्रतिबंधों पर जर्नल में छपी खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन ईरानी अधिकारी पहले यह चेतावनी दे चुके हैं कि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमैनी इन अमेरिकी प्रतिबंधों को परमाणु संधि के उल्लंघन के रूप में देखेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने कल जर्नल को बताया था कि वित्त विभाग के पास उन ईरानी संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का अधिकार है, जो मिसाइल विकास में कथित तौर पर शामिल हैं, या अधिकारों के उल्लंघनों या अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि जुलाई की संधि के बाद से अब तक ईरान दो बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रायोगिक परीक्षण कर चुका है। ईरान का कहना है कि उसका मिसाइल कार्यक्रम सिर्फ रक्षात्मक उद्देश्यों के लिए है।
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