अमेरिका H-1B और L1 वीजा पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका डोमेस्टिक वीजा का रिवैलिडेशन (Domestic Visa Revalidation) शुरू करेगा. इससे हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को फायदा होगा. 2004 तक H-1B वीजा को अमेरिका में ही रिन्यू किया जाता था. लेकिन 2004 के बाद से अमेरिका में काम करने वाले माइग्रेंट वर्कर्स को इसे रिन्यू कराने के लिए अपने देश लौटना पड़ रहा है. अब इस नए पायलट प्रोजेक्ट के तहत H-1B वीजा अमेरिका में ही रिन्यू किए जाएंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडनन (Joe Biden) प्रशासन के इस कदम से भारतीय समेत हजारों विदेशी तकनीकी कर्मचारियों को फायदा मिल सकता है. साल 2023 के अंत तक इस पायलट प्रोजेक्ट के शुरू होने की संभावना है.
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है. आईटी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर करती हैं. H-1B वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है. वहीं, L-1A और L-1B वीजा के तहत कंपनियों को एंप्लॉइज को कम से कम एक साल के लिए अमेरिका भेजने की अनुमति होती है
दो साल में पूरी तरह से लागू होगा प्रोजेक्ट
स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- 'इस साल के आखिर में शुरू होने वाला इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत में कुछ ही वीजा होल्डर्स को इसका फायदा मिलेगा. अगले एक या दो साल में जब ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से लागू हो जाएगा, तब अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय IT प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत मिल सकेगी.'
जनवरी में 1 लाख से अधिक एप्लीकेशन प्रोसीड
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अमेरिकी मिशन ने इस साल जनवरी में 1 लाख से अधिक वीजा आवेदनों को प्रोसीड किया. यह जुलाई 2019 के बाद से किसी भी महीने से अधिक है. इससे पहले ऐसा नहीं किया गया था. दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि जैसे-जैसे हमारी टीम बढ़ती जाएगी, हमारी क्षमता बढ़ती जाएगी.
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