वाशिंगटन:
समाचार पत्र 'वाशिंगटन पोस्ट' के अनुसार इंसिनिटेस यूनियन स्कूल के डिस्ट्रीक्ट सुपरिटेंडेट टिमोथी बेयर्ड ने कहा, "हमारे स्कूलों में यह 21वीं सदी की शारीरिक शिक्षा है।"
अभिभावकों के समूह के विरोध के बावजूद योग की शिक्षा को जनवरी में जिलावार शुरू किया जाएगा और इसमें सभी 5000 छात्र शामिल होंगे।
हफ्ते ने दो दिन 30-30 मिनट तक योग की शिक्षा देने वाले बेयर्ड ने कहा, "यह शारीरिक है। इससे मजबूती आती है। इससे लचीलापन आता है और तनाव घटाने में मदद मिलती है।"
अभिभावकों ने योग की शिक्षा को धार्मिक उपदेश से जोड़ा। अभिभावकों का मानना है कि इससे उनके बच्चे हिंदू धर्म की तरफ मुड़ सकते हैं।
ऐसी ही एक अभिभावक मेरी एडी ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा, "यह केवल शारीरिक शिक्षा भर नहीं है। वे बच्चों को कैसा चिंतन किया जाए और कैसे निर्णय लिए जाएं इसकी शिक्षा दे रहे हैं।" मेडी का मानना है कि यह अष्टांग योग का भाग है।
अभिभावकों के समूह के विरोध के बावजूद योग की शिक्षा को जनवरी में जिलावार शुरू किया जाएगा और इसमें सभी 5000 छात्र शामिल होंगे।
हफ्ते ने दो दिन 30-30 मिनट तक योग की शिक्षा देने वाले बेयर्ड ने कहा, "यह शारीरिक है। इससे मजबूती आती है। इससे लचीलापन आता है और तनाव घटाने में मदद मिलती है।"
अभिभावकों ने योग की शिक्षा को धार्मिक उपदेश से जोड़ा। अभिभावकों का मानना है कि इससे उनके बच्चे हिंदू धर्म की तरफ मुड़ सकते हैं।
ऐसी ही एक अभिभावक मेरी एडी ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा, "यह केवल शारीरिक शिक्षा भर नहीं है। वे बच्चों को कैसा चिंतन किया जाए और कैसे निर्णय लिए जाएं इसकी शिक्षा दे रहे हैं।" मेडी का मानना है कि यह अष्टांग योग का भाग है।
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