वाशिंगटन:
पाकिस्तान में छिड़े गोपनीय ज्ञापन (मेमोगेट) विवाद के बीच अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तानी नेता अपने देश के संविधान के मुताबिक काम करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने संवाददाताओं से कहा, हम हमेशा उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान के नेता अपने अपने देश के संविधान के मुताबिक और लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों के प्रति सम्मानजनक रवैये से कदम उठाएंगे। विक्टोरिया पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज की ओर से भेजे गए गोपनीय ज्ञापन को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रही थीं। इसी साल मई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद एजाज ने यह ज्ञापन कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की ओर से अमेरिका के तत्कालीन सेना प्रमुख माइक मुलेन तक पहुंचवाया था। इसमें पाकिस्तानी सरकार ने तख्तापलट की आशंका के मद्देनजर अमेरिका से मदद मांगी थी। इस विवाद के केंद्र में वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी भी आए हैं, हालांकि उन्होंने इस विवादित ज्ञापन में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है। विक्टोरिया ने कहा, हमारा यह मानना है कि राजदूत हक्कानी इस मामले पर बातचीत करने के लिए पाकिस्तान में हैं। इस बारे में आपको पाकिस्तान से संपर्क करना चाहिए। इस बारे में मुझे कोई विशेष टिप्पणी नहीं करनी है। इससे पहले पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि एडमिरल माइक मुलेन एजाज से कभी नहीं मिले और उन्हें जानते भी नहीं हैं।
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