वाशिंगटन:
अमेरिका ने कहा है कि वह मुंबई हमले के अन्य छह आरोपियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए लगातार प्रयास करता रहेगा, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा के नेता भी शामिल हैं।
मुम्बई हमलों के मामले में शिकागो की अदालत द्वारा डेविड हेडली को 35 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी गरी एस शैपिरो ने संवाददाताओं से कहा, वे भगौड़े हैं। अगर हम उन तक कभी पहुंच पाए तो यकीनन उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेंगे अथवा जिस देश में गिरफ्तार होंगे वहां से उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित कराने की कोशिश करेंगे ताकि यहां उन पर मुकदमा चलाया जा सके। तहव्वुर राणा और हेडली के अतिरिक्त इस मामले में जिन छह अन्य लोगों के नाम हैं, उनमें इलियास कश्मीरी, अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ पाशा, साजिद मीर, अबू काहफा, मजहर इकबाल और मेजर इकबाल शामिल हैं। राणा को पिछले सप्ताह सजा सुनाई गई थी, जबकि हेडली को सजा गुरुवार को ही सुनाई गई है।
इन आरोपियों में से एक आरोपी इलियास कश्मीरी के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने की खबर है, जबकि पांच अन्य के पाकिस्तान में होने की खबरें हैं।
शैपिरो ने कहा, कई लोग सोचते हैं कि ये सब बेकार की कोशिशें हैं और अमेरिकी सरकार कभी इन भगोड़ों को पकड़ नहीं पाएगी, लेकिन आप यह सब 15 साल पहले कोलंबिया में मादक पदार्थ माफियाओं के बारे में भी कह सकते थे, 10 साल पहले मेक्सिको के मादक पदार्थ समूहों के सदस्यों के बारे में भी कह सकते थे, लेकिन इन देशों में तेजी से बदलाव आया और हमने वहां के कई दोषियों को अमेरिका प्रत्यार्पित कराया।
उन्होंने कहा, इसलिए हमें उम्मीद है कि हम उन पर मुकदमा चला सकते हैं। इसके लिए हम उनकी खोज में लगे हैं। एक प्रश्न के जवाब में शैपिरो ने कहा, हमारी जांच से क्या नतीजे निकलेंगे, इसके बारे कोई पूर्व धारणा न बनाते हुए हम जांच में लगे हैं।
एफबीआई की ओर से शिकागो अदालत में 21 अप्रैल 2011 को दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, साजिद मीर पाकिस्तान का निवासी है और लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित है। मीर को हेडली और उन अन्य मुख्य आतंकियों का आका माना जाता है, जिन्हें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हमलों के लिए योजना बनाने, तैयारी करने और हमलों को अंजाम देने का निर्देश दिया गया था।
मुम्बई हमलों के मामले में शिकागो की अदालत द्वारा डेविड हेडली को 35 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी गरी एस शैपिरो ने संवाददाताओं से कहा, वे भगौड़े हैं। अगर हम उन तक कभी पहुंच पाए तो यकीनन उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेंगे अथवा जिस देश में गिरफ्तार होंगे वहां से उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित कराने की कोशिश करेंगे ताकि यहां उन पर मुकदमा चलाया जा सके। तहव्वुर राणा और हेडली के अतिरिक्त इस मामले में जिन छह अन्य लोगों के नाम हैं, उनमें इलियास कश्मीरी, अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ पाशा, साजिद मीर, अबू काहफा, मजहर इकबाल और मेजर इकबाल शामिल हैं। राणा को पिछले सप्ताह सजा सुनाई गई थी, जबकि हेडली को सजा गुरुवार को ही सुनाई गई है।
इन आरोपियों में से एक आरोपी इलियास कश्मीरी के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने की खबर है, जबकि पांच अन्य के पाकिस्तान में होने की खबरें हैं।
शैपिरो ने कहा, कई लोग सोचते हैं कि ये सब बेकार की कोशिशें हैं और अमेरिकी सरकार कभी इन भगोड़ों को पकड़ नहीं पाएगी, लेकिन आप यह सब 15 साल पहले कोलंबिया में मादक पदार्थ माफियाओं के बारे में भी कह सकते थे, 10 साल पहले मेक्सिको के मादक पदार्थ समूहों के सदस्यों के बारे में भी कह सकते थे, लेकिन इन देशों में तेजी से बदलाव आया और हमने वहां के कई दोषियों को अमेरिका प्रत्यार्पित कराया।
उन्होंने कहा, इसलिए हमें उम्मीद है कि हम उन पर मुकदमा चला सकते हैं। इसके लिए हम उनकी खोज में लगे हैं। एक प्रश्न के जवाब में शैपिरो ने कहा, हमारी जांच से क्या नतीजे निकलेंगे, इसके बारे कोई पूर्व धारणा न बनाते हुए हम जांच में लगे हैं।
एफबीआई की ओर से शिकागो अदालत में 21 अप्रैल 2011 को दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, साजिद मीर पाकिस्तान का निवासी है और लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित है। मीर को हेडली और उन अन्य मुख्य आतंकियों का आका माना जाता है, जिन्हें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हमलों के लिए योजना बनाने, तैयारी करने और हमलों को अंजाम देने का निर्देश दिया गया था।
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