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This Article is From Feb 28, 2012

हिंसा के बावजूद अफगान रणनीति में बदलाव नहीं : अमेरिका

वाशिंगटन: अफगानिस्तान में एक अमेरिकी सैन्य शिविर में कुरान की प्रति जलाने की घटना के बाद हाल ही में हुई हिंसा, खास कर दो अमेरिकी अधिकारियों के मारे जाने के बावजूद वाशिंगटन ने इस युद्ध प्रभावित देश के प्रति अपनी रणनीति में कोई बदलाव करने से इनकार किया है।

पेंटागन ने कहा है कि अफगानिस्तान में मिली सफलता और हो रही प्रगति पर वह हालिया हिंसा को हावी नहीं होने देगा। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉर्ज लिटल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अलकायदा और उसके सहयोगियों को परास्त करने, उन्हें अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाह न लेने देने के अपने मुख्य लक्ष्य, उस में मिली सफलता और हो रही प्रगति पर हम हालिया हिंसा को हावी नहीं होने देंगे।’’ लिटल ने कहा कि अमेरिका अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं के प्रयासों की सराहना करता है जिन्होंने शांति के लिए और हिंसक प्रदर्शन समाप्त करने के लिए आह्वान किया है।

उन्होंने कहा ‘‘हम अफगान बलों की कठोर मेहनत और उनके बलिदान का पूरा सम्मान करते हैं जिनके कर्मी हिंसा शांत करने के प्रयासों में हताहत हुए।’’ ओबामा प्रशासन ने कहा है कि वह वर्ष 2014 तक अफगानिस्तान में सुरक्षा संबंधी दायित्व अफगान बलों को सौंपने के लिए और क्षेत्र से अलकायदा तथा आतंकवाद के सफाये के लिए प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम और हिंसा को वहां शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों के लिए झटका माना जा रहा है।

लिटल ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अफगान सरकार को स्थिरता देने का है ताकि अफगानिस्तान और उसकी सरकार अपने देश की सुरक्षा का जिम्मा खुद ले सकें।’’ व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह प्रक्रिया जारी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति स्पष्ट कर चुके हैं कि हम अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या कम कर रहे हैं। यह प्रक्रिया जारी रहेगी।’’ कार्नी के अनुसार, राष्ट्रपति कह चुके हैं कि वर्ष 2014 के अंत तक अफगान बलों को सुरक्षा का दायित्व पूरी तरह सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इन प्रयासों के सिलसिले में अपने नाटो सहयोगियों और मई में शिकागो में होने जा रहे नाटो सम्मेलन में अपने आईएसएएफ सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। कार्नी ने कहा कि यह अफगानिस्तान में एक कठिन मिशन है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मिशन को नहीं भूल सकते। हालांकि यह तथ्य है कि अलकायदा को परास्त करना जरूरी है। अफगानिस्तान को अमेरिका के खिलाफ हमले करने के लिए अलकायदा की शरण स्थली बनने से रोकना जरूरी है।’’ शनिवार को कुंदुज प्रांत में संयुक्त राष्ट्र के एक परिसर को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। पुलिस ने लोगों को तितर बितर करने के लिए गोली चलाई।
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के एक शिविर में कुरान की प्रति जलाने की घटना के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा कई अमेरिकी अधिकारियों ने अफगान जनता से माफी मांगी है।

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