वाशिंगटन:
दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीय युवती के जीवन और मौत के बीच के संघर्ष को अमेरिकी मीडिया में भी प्रमुखता से स्थान मिला है।
सिंगापुर स्थित एक अस्पताल में पीड़िता की हुई मौत की खबर प्रकाशित करते हुए न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है, "दुष्कर्म को लेकर भारत में घृणा और आक्रोश बढ़ गया है, जहां महिलाओं को नियमित तौर पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, और वहां पुलिस और न्याय प्रणाली महिलाओं की पर्याप्त हिफाजत करने में नाकाम साबित दिख रही है।"
वाशिंगटन पोस्ट ने विश्लेषकों के हवाले से कहा है, "दुष्कर्म की इस क्रूर घटना ने भारतीयों को झकझोर कर रख दिया है।"
पोस्ट ने लिखा है, "कई कारणों से इस घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया हुई है। इसमें मुखर शहरी मध्य वर्ग का उदय, सोशल मीडिया का इस्तेमाल, और बदलती जीवनशैली शामिल है।"
लॉस एंजिल्स टाइम्स ने लिखा है, "इस घटना ने नई दिल्ली के हजारों निवासियों को पिछले सप्ताहांत में राष्ट्रपति निवास के सामने जमा होने के लिए, 'वी वांट जस्टिस' और 'हैंग देम नाउ' का नारा लगाने के लिए प्रेरित किया।"
सीएनएन ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से लिखा है, "दुष्कर्म को सांस्कृतिक कलंक माने जाने वाले भारत में कई पीड़ित महिलाएं दुष्कर्म की घटनाओं को चुपचाप सह लेती हैं और उसका खुलासा नहीं करती। इसके कारण पिछले 40 वर्षो में ऐसे अपराध में बेतहासा वृद्धि हुई है। 1971 में जहां दुष्कर्म की 2,487 घटनाएं घटी थीं, वहीं 2011 में 24,206 घटनाएं घटी हैं।" अकेले दिल्ली में पिछले वर्ष दुष्कर्म की 572 घटनाएं घटी थीं, और 2012 में 600 से अधिक घटनाएं घटीं।
सिंगापुर स्थित एक अस्पताल में पीड़िता की हुई मौत की खबर प्रकाशित करते हुए न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है, "दुष्कर्म को लेकर भारत में घृणा और आक्रोश बढ़ गया है, जहां महिलाओं को नियमित तौर पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, और वहां पुलिस और न्याय प्रणाली महिलाओं की पर्याप्त हिफाजत करने में नाकाम साबित दिख रही है।"
वाशिंगटन पोस्ट ने विश्लेषकों के हवाले से कहा है, "दुष्कर्म की इस क्रूर घटना ने भारतीयों को झकझोर कर रख दिया है।"
पोस्ट ने लिखा है, "कई कारणों से इस घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया हुई है। इसमें मुखर शहरी मध्य वर्ग का उदय, सोशल मीडिया का इस्तेमाल, और बदलती जीवनशैली शामिल है।"
लॉस एंजिल्स टाइम्स ने लिखा है, "इस घटना ने नई दिल्ली के हजारों निवासियों को पिछले सप्ताहांत में राष्ट्रपति निवास के सामने जमा होने के लिए, 'वी वांट जस्टिस' और 'हैंग देम नाउ' का नारा लगाने के लिए प्रेरित किया।"
सीएनएन ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से लिखा है, "दुष्कर्म को सांस्कृतिक कलंक माने जाने वाले भारत में कई पीड़ित महिलाएं दुष्कर्म की घटनाओं को चुपचाप सह लेती हैं और उसका खुलासा नहीं करती। इसके कारण पिछले 40 वर्षो में ऐसे अपराध में बेतहासा वृद्धि हुई है। 1971 में जहां दुष्कर्म की 2,487 घटनाएं घटी थीं, वहीं 2011 में 24,206 घटनाएं घटी हैं।" अकेले दिल्ली में पिछले वर्ष दुष्कर्म की 572 घटनाएं घटी थीं, और 2012 में 600 से अधिक घटनाएं घटीं।
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