दुनिया में पहली बार : अमेरिका में डॉक्टरों ने इंसान में लगाया सुअर का दिल

उस सुअर से तीन ऐसे जीन बाहर निकाल गए थे, जिनकी वजह से मानव प्रतिरक्षा प्रणाली (Human Immune System) सुअर के अंगों को स्वीकार नहीं करती है.

दुनिया में पहली बार : अमेरिका में डॉक्टरों ने इंसान में लगाया सुअर का दिल

सफल सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज की हालत अब ठीक है.

वाशिंगटन:

अमेरिका में मैरीलैंड के रहने वाले 57 वर्षीय एक व्यक्ति की सर्जरी करके जेनेटिक बदलाव के साथ सुअर का दिल लगाया गया है. ऐसी सर्जरी दुनिया में पहली बार हुई है. सुअर का जेनेटिकली मोडिफाइ़ दिल व्यक्ति को लगाया गया है. सफल सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज की हालत अब ठीक है. एक विज्ञप्ति के मुताबिक, डेविड बेनेट हृदय रोग से ग्रसित थे. और मौजूदा विकल्पों में सुअर का दिल की 'एकमात्र विकल्प' था. सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बेनेट के मेडिकल रिकॉर्ड्स देखने के बाद पता चला कि पारंपरिक हृदय प्रत्यारोपण या कृत्रिम हृदय पंप का सहारा नहीं लिया जा सकता.

मैरीलैंड मेडिसिन यूनिवर्सिटी की विज्ञप्ति में सर्जरी से पहले बेनेट के हवाले से लिखा गया है, 'हालात ऐसी थी कि या तो मर जाऊं या फिर ये ट्रांसप्लांट किया जाए. मैं जीना चाहता हूं. मुझे पता है कि यह अंधेरे में एक तीर जैसा है, लेकिन यह मेरी आखिरी पसंद है.' यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 31 दिसंबर को सर्जरी के लिए आपातकालीन मंजूरी दी थी.

उस सुअर से तीन ऐसे जीन बाहर निकाल गए थे, जिनकी वजह से मानव प्रतिरक्षा प्रणाली (Human Immune System) सुअर के अंगों को स्वीकार नहीं करती है. एक जीन को इसलिए निकाला गया, ताकि सुअर के दिल के टिशू की ग्रोथ रोकी जा सके. इसके अलावा उसमें छह जीन डाले गए थे.

डॉक्टर अब बेनेट की कई दिनों से लेकर हफ्तों तक निगरानी करेंगे, ताकि यह देखा जा सके कि ट्रांसप्लांट सही से काम कर रहा है या नहीं. उसके इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं और अन्य जटिलताओं की निगरानी की जाएगी.

सर्जन डॉ बार्टले पी. ग्रिफिथ ने एक बयान में कहा, 'ट्रांसप्लांट के लिए ह्यूमन हार्ट डोनर उपलब्ध नहीं था. हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन हमें यह भी उम्मीद है कि दुनिया में यह पहली सर्जरी भविष्य में रोगियों के लिए एक अहम और नया विकल्प देगी.'

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सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयार्क में एक ब्रेन डेड महिला में जेनेटिक रूप से संशोधित सुअर के गुर्दे के प्रत्यारोपण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.