अमेरिका ने पाकिस्तानी आतंकियों पर टेढ़ी की नजर. तस्वीर: हाफिज सईद
वाशिंगटन:
अमेरिका ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों और मुंबई हमले के षडयंत्रकर्ता हाफिज सईद के जमात-उद दावा समूह पर प्रतिबंध लगाए हैं. यह प्रतिबंध आतंकवादियों के नेतृत्व और धन इकट्ठा करने वाले नेटवर्कों को तबाह करने के प्रयास के लिए लगाया गया है.
यह प्रतिबंध लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद दावा, तालिबान, जमात-उल-दावा अल कुरान जेडीक्यू और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया और आईएसआईएस खोरासन पर लगाया गया है. खोरासन एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जिसमें उत्तरपूर्वी ईरान का बड़ा क्षेत्र, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान, उत्तरी अफगानिस्तान और भारत का हिस्सा शामिल है.
यह प्रतिबंध विशेष तौर पर हयातुल्ला गुलाम मोहम्मद (हाजी हयातुल्ला), अली मोहम्मद अबू तुरब, वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ जमात-उद-दावा फॉर कुरान एंड सुन्ना (डब्ल्यूडीओ) के लिए कथित तौर पर पैसा इकट्ठा करने वाले संगठन इनायत-उर रहमान पर लगाया गया है.
ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल (ओएफएसी) के निदेशक जॉन स्मिथ ने कहा, इन पाबंदियों को लगाने का उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद वित्तीय सहायता नेटवर्कों को समाप्त करना है. इन्हीं नेटवर्कों ने तालिबान, अलकायदा, आईएसआईएस और लश्कर-ए तैयबा को आत्मघाती हमलावरों की बहाली और अन्य हिंसक गतिविधियां के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराई थी. स्मिथ ने कहा कि अमेरिका धर्मार्थ और आतंकी गतिविधियों की सुविधा मुहैया करने वाले संगठनों सहित पाकिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में मौजूद आतंकवादियों को अक्रामक तरीके से निशाना बनाता रहेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह प्रतिबंध लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद दावा, तालिबान, जमात-उल-दावा अल कुरान जेडीक्यू और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया और आईएसआईएस खोरासन पर लगाया गया है. खोरासन एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जिसमें उत्तरपूर्वी ईरान का बड़ा क्षेत्र, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान, उत्तरी अफगानिस्तान और भारत का हिस्सा शामिल है.
यह प्रतिबंध विशेष तौर पर हयातुल्ला गुलाम मोहम्मद (हाजी हयातुल्ला), अली मोहम्मद अबू तुरब, वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ जमात-उद-दावा फॉर कुरान एंड सुन्ना (डब्ल्यूडीओ) के लिए कथित तौर पर पैसा इकट्ठा करने वाले संगठन इनायत-उर रहमान पर लगाया गया है.
ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल (ओएफएसी) के निदेशक जॉन स्मिथ ने कहा, इन पाबंदियों को लगाने का उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद वित्तीय सहायता नेटवर्कों को समाप्त करना है. इन्हीं नेटवर्कों ने तालिबान, अलकायदा, आईएसआईएस और लश्कर-ए तैयबा को आत्मघाती हमलावरों की बहाली और अन्य हिंसक गतिविधियां के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराई थी. स्मिथ ने कहा कि अमेरिका धर्मार्थ और आतंकी गतिविधियों की सुविधा मुहैया करने वाले संगठनों सहित पाकिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्रों में मौजूद आतंकवादियों को अक्रामक तरीके से निशाना बनाता रहेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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