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This Article is From Sep 11, 2021

तालिबान की अनुमति के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने 21 और नागरिकों को निकाला

अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने 21 और नागरिकों को बाहर निकाला है. साथ ही 11 वैध स्थायी निवासियों को भी निकाला गया है.

तालिबान की अनुमति के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने 21 और नागरिकों को निकाला
ब्लिंकन ने कहा कि हम काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संचालन सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में कतर के प्रयासों के आभारी हैं.
वाशिंगटन:

अमेरिका (America) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) से 21 अमेरिकी नागरिकों और 11 वैध स्थायी निवासियों (एलपीआर) को निकाला है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Foreign Secretary Antony Blinken) के एक बयान में कहा, “अपनी प्रतिबद्धता के एक हिस्से के रूप में हमने 21 अमेरिकी नागरिकों और 11 वैध स्थायी निवासियों (एलपीआर) को अफगानिस्तान से निकलने के लिए सुविधा प्रदान की." विभाग ने 21 अमेरिकी नागरिकों और 11 एलपीआर को एक स्थल मार्ग के माध्यम से अफगानिस्तान से बाहर निकालने में मदद की है.

बयान में कहा गया, "हमने उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया, सुरक्षित मार्ग की सुविधा के लिए काम किया और दूतावास के अधिकारियों ने सीमा पार करने के बाद उनका अभिवादन किया." 

इसके अतिरिक्त, कतर एयरवेज की एक अन्य चार्टर उड़ान 19 अमेरिकी नागरिकों के साथ काबुल से रवाना हुई. अमेरिकी नागरिकों को 44 सीटों की पेशकश की गई, उनमें से सभी ने यात्रा नहीं की.

ब्लिंकन ने कहा, "काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संचालन सुविधा और इन उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कतर के निरंतर प्रयासों के आभारी हैं." उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिका अपने नागरिकों, एलपीआर और अफगानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगा. ब्लिंकन ने कहा, "अगर वे ऐसा करना चुनते हैं तो हम अफगानिस्तान छोड़ने में उनकी मदद करने के लिए प्रयास करेंगे."  यह निकासी शुक्रवार को एक दिन बाद हुई जब गुरुवार को तालिबान ने लगभग 200 अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को काबुल से उड़ान भरने की अनुमति दी.

31 अगस्त को अमेरिकी सेना ने  अफगानिस्तान को छोड़ दिया था. इससे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा था कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से लगभग 6,000 अमेरिकी नागरिकों के साथ कुल 1,24,000 से अधिक लोगों को निकाला है. इसके अलावा तालिबान ने अपनी नई सरकार में कई कट्टरपंथियों को नियुक्त किया है, जिन्होंने 20 साल तक अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
 

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