अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन बढ़ती वैश्विक ताकत को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. ट्रंप ने दिग्गज चीनी सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक (TikTok) और वी चैट (WeChat) के खिलाफ व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं. ट्रंप ने गुरुवार को एक एग्जीक्यूटिव आदेश पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत अमेरिकियों को 45 दिन में चीनी प्लेटफॉर्मों (एप्लीकेशन) के साथ कारोबार को रोकने के लिए कहा गया है. बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक का अमेरिकी परिचालन खरीदने की प्रक्रिया में है.
अमेरिकी राष्ट्रपति अपने इस कदम के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है. यह वी-चैट की पैरेंट कंपनी टेनसेंट के अमेरिकी परिचालन पर भी संदेह खड़ा करता है. टेनसेंट दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से एक है और वीडियो गेम इंडस्ट्री की एक अहम कंपनी है.
अमेरिका के हलिया प्रतिबंधों से टेनसेंट के शेयरों में गिरावट का दौर रहा है. हांगकांग बाजार में उसका शेयर 10 प्रतिशत तक गिरा और बाजार पूंजीकरण के लिहाज से कंपनी को 50 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. अन्य एशियाई बाजारों में भी कमोबेश यही हाल रहा है. निवेशक दो बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच खराब होते संबंधों को लेकर चिंतित हैं. उन्हें व्यापार युद्ध फिर से शुरू होने का डर सता रहा है.
ट्रंप ने अपने आदेश में कहा, "टिकटॉक स्वत: अपने यूजर्स की काफी सारी जानकारियां एकत्र कर लेता है. जिसमें इंटरनेट और लोकेशन से जुड़ा डाटा, ब्राउजिंग एवं सर्च हिस्ट्री जैसी नेटवर्क संबंधी गतिविधियां शामिल हैं." इसमें कहा गया है कि इस डाटा का उपयोग चीन अमेरिकी के सरकारी कर्मचारियों और ठेकेदारों की लोकेशन जानने के लिए, लोगों को ब्लैकमेल करने और कंपनियों की जासूसी करने के लिए कर सकता है.
चीन ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है. चीन ने इस कदम को "मनमाना राजनीतिक हेरफेर और दमन" बताया है और कहा कि अमेरिकी उपयोगकर्ताओं और कंपनियों को इसका बोझ उठाना पड़ेगा."
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