वाशिंगटन:
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में गोवा में संपन्न हुए ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान को 'आतंकवाद की जननी' (मदरशिप ऑफ टेरर) करार देने पर अमेरिका ने टिप्पणी करने से बचते हुए कहा है कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को शांति से सुलझाना चाहिए.
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के बाद चीन ने भी सोमवार को अपने पुराने सहयोगी पाकिस्तान का बचाव किया था.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जॉश अर्नेस्ट पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर जवाब मांगे जाने पर कहा, "मुझे अभी इस टिप्पणी के बारे में बताया नहीं गया है... वैसे मैं इतना ही कह सकता हूं कि हमने भारत और पाकिस्तान को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया है कि वे विभिन्न मुद्दों पर अपने बीच लंबे समय से मौजूद मतभेदों को शांतिपूर्वक हल करने का रास्ता तलाश करें..."
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर जवाब मांगे जाने पर सोमवार को कहा था, "हम भी आतंकवाद को किसी देश, नस्ल या धर्म से जोड़े जाने का विरोध करते हैं..."
प्रधानमंत्री की यह गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की गई यह टिप्पणी उन्हीं राजनयिक प्रयासों को हिस्सा थी, जो पिछले माह जम्मू एवं कश्मीर के उरी में स्थित सेना कैम्प पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए किए जा रहे हैं.
इसके दो हफ्ते से भी कम समय बाद भारत ने नियंत्रण रेखा को पार कर पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर आतंकवादियों के लॉन्च पैडों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. पाकिस्तान ने ऐसी किसी कार्रवाई से इंकार किया था.
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के बाद चीन ने भी सोमवार को अपने पुराने सहयोगी पाकिस्तान का बचाव किया था.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जॉश अर्नेस्ट पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर जवाब मांगे जाने पर कहा, "मुझे अभी इस टिप्पणी के बारे में बताया नहीं गया है... वैसे मैं इतना ही कह सकता हूं कि हमने भारत और पाकिस्तान को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया है कि वे विभिन्न मुद्दों पर अपने बीच लंबे समय से मौजूद मतभेदों को शांतिपूर्वक हल करने का रास्ता तलाश करें..."
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर जवाब मांगे जाने पर सोमवार को कहा था, "हम भी आतंकवाद को किसी देश, नस्ल या धर्म से जोड़े जाने का विरोध करते हैं..."
प्रधानमंत्री की यह गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की गई यह टिप्पणी उन्हीं राजनयिक प्रयासों को हिस्सा थी, जो पिछले माह जम्मू एवं कश्मीर के उरी में स्थित सेना कैम्प पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए किए जा रहे हैं.
इसके दो हफ्ते से भी कम समय बाद भारत ने नियंत्रण रेखा को पार कर पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर आतंकवादियों के लॉन्च पैडों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. पाकिस्तान ने ऐसी किसी कार्रवाई से इंकार किया था.
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