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This Article is From Aug 09, 2013

अमेरिका ने जासूसी कार्यक्रम का बचाव किया

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अमेरिका ने अपने विवादास्पद इंटरनेट और टेलीफोन जासूसी कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने दुनियाभर के संचार के बहुत कम प्रतिशत की ही छानबीन की और उसने विदेशी आतंकवादी खतरों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा।
वाशिंगटन: अमेरिका ने अपने विवादास्पद इंटरनेट और टेलीफोन जासूसी कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने दुनियाभर के संचार के बहुत कम प्रतिशत की ही छानबीन की और उसने विदेशी आतंकवादी खतरों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा, ‘‘अपने मिशन को अंजाम देने के लिए एनएसए ने वही सूचनाएं एकत्र की जिसके लिए वह स्पष्ट रूप से अधिकृत था।’’

कार्नी ने कहा कि दुनिया में हुए संचार के बहुत कम प्रतिशत का एनएसए के विशेषज्ञों ने छानबीन की और यदि अमेरिकी नागरिकों के संचार संग्रहित हुए भी तो एजेंसी ने अमेरिकी अटार्नी जनरल से मंजूरी प्राप्त प्रक्रिया का पालन किया, जो अमेरिकी नागरिकों की निजता के संरक्षण के लिए बनाया गया था।

कार्नी ने कहा कि एक अमेरिकी नागरिक द्वारा विदेश भेजे गए ई-मेल को नहीं पढ़ा गया। उन्होंने कहा कि इसे नहीं पढ़ा गया। वैसी सूचनाएं जिन्हें निशाना बनाया गया वे आतंकवादी खतरों या संभावित आतंकवादी खतरों से जुड़ी हैं, जो विदेशी सरजमीं से विदेशी नागरिकों से मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि एनएसए कार्यक्रम पूरी तरह से विदेशी आतंकवादी खतरों को लक्षित है और जिन सूचनाओं की छानबीन की गई वे केवल उन्हीं से जुड़ी हुई हैं।

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