अमेरिका का चीन को कड़ा संदेश, बीजिंग विंटर ओलिंपिक्‍स 2022 का करेगा राजनयिक बहिष्‍कार, यह है कारण..

व्‍हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी इवेंट में हिस्‍सा लेंगे और उन्‍हें हमारा पूरा समर्थन मिलेगा लेकिन हम खेलों से जुड़े विभिन्‍न समारोहों का हिस्‍सा नहीं बनेंगे.

अमेरिका का चीन को कड़ा संदेश, बीजिंग विंटर ओलिंपिक्‍स 2022 का करेगा राजनयिक बहिष्‍कार, यह है कारण..

विंटर ओलिंपिक्‍स अगले वर्ष फरवरी में आयोजित होने हैं

वॉशिंगटन :

चीन के 'कमजोर' मानवाधिकार रिकॉर्ड के चलते अमेरिका ने वर्ष 2022 के विंटर ओलिंपिक्‍स (Beijing Winter Olympics 2022) के राजनयिक बहिष्‍कार की घोषणा की है. उसके इस कदम को चीन के लिए 'कड़ा संदेश' माना जा रहा है. व्‍हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी इवेंट में हिस्‍सा लेंगे और उन्‍हें हमारा पूरा समर्थन मिलेगा लेकिन हम खेलों से जुड़े विभिन्‍न समारोहों का हिस्‍सा नहीं बनेंगे. वॉशिंगटन की ओर से महीनों तक विचार के बाद यह फैसला लिया गया है. विंटर ओलिंपिक्‍स अगले वर्ष फरवरी में आयोजित होने हैं. गौरतलब है कि चीन, उत्‍तर पश्चिमी शिजजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार के आरोपों का सामना कर रहा है.  

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जेन साकी ने संवाददाताओं से कहा, " चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचार को देखते हुए अमेरिकी राजनयिक या आधिकारिक प्रतिनिधित्व इन खेलों को आम घटनाक्रम की तरह ही लेगा. मानवाधिकारों को बढ़ावा देने देने के लिए हमारी मौलिक प्रतिबद्धता है. हम चीन और उसके बाहर मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहेंगे. 

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अमेरिका के इस कदम की चीन की ओर से कोई तुरंत प्रतिक्रिया नहीं आई है हालांकि चीन का विदेश मंत्रालय पहले ही धमकी दे चुका है कि इस तरह के 'बहिष्‍कार' पर वह जवाबी कदम उठाएगा. वैसे अमेरिका के इस कदम का देश के मानवाधिकार समूहों और राजनेताओं ने स्‍वागत किया है. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन, चीन के मानवाधिका हनन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए काफी दबाव का सामना रहे थे.उधर, इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी(IOC) ने कहा है कि ऑफिशियल्‍स को भेजना या न भेजना पूरी तरह से हर सरकार का राजनीतिक फैसला है और आईओसी इसका सम्‍मान करता है.   

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