व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि निर्वतमान राष्ट्रपति जो बाइडन के चार साल के प्रभावशाली कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंध ‘मजबूत' किए और आईसीईटी संवाद एवं क्वाड जैसी महत्वपूर्ण पहल शुरू कीं. बाइडन प्रशासन की कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाले विवरण दस्तावेज में व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन की कूटनीति ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की आर्थिक एवं सुरक्षा साझेदारी को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों रूप से मजबूत करके उसे और अधिक सुरक्षित स्थिति में पहुंचा दिया.
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन (82) का चार साल का कार्यकाल 20 जनवरी को समाप्त होगा, जब डोनाल्ड ट्रंप (78) देश के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे.
विवरण दस्तावेज में कहा गया है कि पिछले चार वर्षों में बाइडन ने अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया, अमेरिका-जापान-फिलिपीन और ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका (ऑकस) त्रिपक्षीय साझेदारी तथा क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) एवं आईपीईएफ (हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा) के जरिये हिंद-प्रशांत में अमेरिका के गठबंधन और साझेदारी नेटवर्क में फिर से जान फूंकी तथा भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम, आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन) और प्रशांत द्वीप के देशों के साथ वाशिंगटन के “रिश्ते मजबूत किए.”
विवरण दस्तावेज में अफगान युद्ध का जिक्र करते हुए बाइडन को अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे युद्ध का अंत करने का श्रेय दिया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि बाइडन ने रूस के अवैध और अकारण आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन का सहयोग किया, जिससे वह अपनी स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र की रक्षा करने तथा इन अटकलों को खारिज करने में सफल हुआ कि उसका कुछ ही दिनों में पतन हो जाएगा.
विवरण दस्तावेज के मुताबिक, बाइडन ने 50 से अधिक देशों को यूक्रेन के पक्ष में लामबंद किया, जिससे उसे अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए जरूरी आर्थिक एवं वित्तीय सहायता मिली और रूस पर अब तक के सबसे कठोर बहुपक्षीय प्रतिबंध लगाए जा सके.
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी एवं रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने और विस्तार देने के लिए मई 2022 में महत्वपूर्ण तथा उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर अमेरिका-भारत संवाद की घोषणा की.
विवरण दस्तावेज के अनुसार, “बाइडन ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के साथ क्वाड को शीर्ष नेता स्तर तक बढ़ाया और प्रशांत द्वीप के देशों के साथ दो ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी की.”
क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच एक कूटनीतिक साझेदारी है, जो एक स्थिर, स्वतंत्र, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है. विवरण दस्तावेज में कहा गया है, “बाइडन प्रशासन ने चीन के खिलाफ अमेरिका की प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूत किया और ‘निवेश, संरेखण और प्रतिस्पर्धा' की अमेरिकी रणनीति को पूरा करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए.”
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