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This Article is From Aug 04, 2016

अमेरिका ने दिया पाकिस्तान को झटका, 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोकी

अमेरिका ने दिया पाकिस्तान को झटका, 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोकी
अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर का फाइल फोटो...
वॉशिंगटन: पेंटागन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है, क्योंकि रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कांग्रेस को इस बात का प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया कि पाकिस्तान खूंखार आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई कर रहा है.

अफगानिस्तान में पाकिस्‍तानी सेना के अमेरिकी अभियानों में सहयोग के लिए मिलती थी रकम
कांग्रेशनल प्रमाणपत्र के अभाव में पेंटागन ने गठबंधन सहयोग कोष के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की मदद को रोक दिया है. यह राशि दरअसल अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियानों के सहयोग के लिए पाकिस्तानी सेना की ओर से किए गए खर्च की अदायगी के लिए होती है.

पाकिस्‍तान अब तक 70 करोड़ डॉलर ले चुका है
पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने कहा, 'इस बार पाकिस्तान की सरकार को कोष (30 करोड़ डॉलर) जारी नहीं किया जा सका, क्योंकि रक्षा मंत्री ने अब तक इस बात को प्रमाणित नहीं किया है कि पाकिस्तान ने वित्तीय वर्ष 2015 राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) के अनुरूप पर्याप्त कदम उठाए हैं.' पाकिस्तान के लिए गठबंधन सहयोग कोष (सीएसएफ) के तहत वित्तीय वर्ष 2015 में एक अरब डॉलर मंजूर किए गए थे. इसमें से वह 70 करोड़ डॉलर ले चुका है.

द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया अमेरिका-पाक के संबंधों के लिए झटका
पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने कहा, 'रक्षा मंत्री के फैसले के चलते, पाकिस्तान के लिए वित्तीय वर्ष 2015 सीएसएफ के तहत और राशि उपलब्ध नहीं है.' इस बारे में सबसे पहले खबर देने वाले द वाशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद रोके जाने को अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों के लिए एक 'झटका' बताया है.

इस फैसले से पाकिस्‍तानी सेना के त्‍यागों का महत्‍व कम नहीं होगा : अमेरिका
रक्षा मंत्रालय को 30 जून तक कांग्रेस के समक्ष पुनर्निर्धारण का अनुरोध पेश करना था. स्टंप ने कहा कि इस समयसीमा के अनुरूप चलने के लिए कार्टर ने वर्ष 2015 में बाकी बची सीएसएफ की 30 करोड़ डॉलर की राशि के पुनर्निर्धारण का अनुरोध किया. यह राशि मूल रूप से पाकिस्तान के लिए मंजूर की गई थी. स्टंप ने कहा कि इस फैसले से पाकिस्तानी सेना द्वारा बीते दो साल में किए गए त्यागों का महत्व 'कम नहीं हो जाता है'. स्टंप ने कहा, 'हम उत्तरी वजीरिस्तान और संघीय प्रशासित कबायली इलाकों (एफएटीए) में पाकिस्तान के अभियानों से प्रोत्साहित हैं. पाकिस्तान के प्रयासों से कुछ आतंकी समूहों द्वारा उत्तरी वजीरिस्तान और एफएटीए का इस्तेमाल सुरक्षित पनाह के तौर किए जाने में कमी आई है. हालांकि अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान के कुछ अन्य इलाकों में अब भी सक्रिय हैं.' वित्तीय वर्ष 2016 में पाकिस्तान के लिए सीएसएफ के तहत 90 करोड़ डॉलर मंजूर किए गए हैं. इसमें से 35 करोड़ डॉलर तभी दिए जा सकते हैं, जब रक्षा मंत्री यह प्रमाणपत्र देंगे कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई की है.

स्टंप ने कहा, 'पाकिस्तान सीएसएफ अदायगी के तहत सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है. वर्ष 2002 के बाद से उसे लगभग 14 अरब डॉलर मिल चुके हैं.' उन्होंने कहा, 'यह पहली बार है जब रक्षा मंत्री के प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ी है.'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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