संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देतीं सुषमा स्वराज
संयुक्त राष्ट्र:
विश्व मंच पर सोमवार को भारत ने पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया. भारत ने कहा कि ऐसे देश हैं जो आतंक की भाषा बोलते हैं, उसे पालते हैं, उसे फैलाते हैं और निर्यात करते हैं. इसके साथ भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से आग्रह किया कि ऐसे किसी भी देश को अलग-थलग किया जाए जो आतंक के खिलाफ लड़ाई में शामिल नहीं हो. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जोर देकर यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान को कभी भी इसे हासिल करने का सपना छोड़ देना चाहिए.
सुषमा स्वराज ने विश्व संस्था से उनके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया, जो चरमपंथी विचारधारा के मूल हैं. उन्होंने कहा कि बुराई का कीड़ा बहुत सिरों वाले दैत्य के रूप में विकसित हो गया है. इसने तकनीकी परिष्करण से हमारी दुनिया की शांति एवं सद्भाव के लिए खतरा पैदा कर दिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि यदि हमलोग आतंकवाद को परास्त करना चाहते हैं तो केवल एक ही रास्ता है कि हम अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो जाएं.
स्वराज ने कहा कि वे देश जो आतंक फैलाते हैं, उनकी हर हाल में पहचान की जानी चाहिए और ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा, "ये देश जिनमें संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकी खुला घूमते हैं, जुलूस का नेतृत्व करते हैं और खुलेआम नफरत का भाषण देते हैं, वे उतने ही गुनहगार हैं जितना आतंकियों के ठिकाने हैं. ऐसे देशों के लिए राष्ट्रों के शिष्टाचार में कोई स्थान नहीं होना चाहिए."
सुषमा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के आरोपों को आधारहीन करार दिया और कहा कि जो दूसरों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं, अच्छा होगा कि वे आत्म निरीक्षण करें और देखें कि वे बलूचिस्तान सहित अपने देश के अंदर कितना बुरा पाप कर रहे हैं. बलूच लोगों के खिलाफ अत्याचार पाकिस्तान सरकार के दमन के सबसे बुरे रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुषमा स्वराज ने विश्व संस्था से उनके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया, जो चरमपंथी विचारधारा के मूल हैं. उन्होंने कहा कि बुराई का कीड़ा बहुत सिरों वाले दैत्य के रूप में विकसित हो गया है. इसने तकनीकी परिष्करण से हमारी दुनिया की शांति एवं सद्भाव के लिए खतरा पैदा कर दिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि यदि हमलोग आतंकवाद को परास्त करना चाहते हैं तो केवल एक ही रास्ता है कि हम अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो जाएं.
स्वराज ने कहा कि वे देश जो आतंक फैलाते हैं, उनकी हर हाल में पहचान की जानी चाहिए और ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा, "ये देश जिनमें संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकी खुला घूमते हैं, जुलूस का नेतृत्व करते हैं और खुलेआम नफरत का भाषण देते हैं, वे उतने ही गुनहगार हैं जितना आतंकियों के ठिकाने हैं. ऐसे देशों के लिए राष्ट्रों के शिष्टाचार में कोई स्थान नहीं होना चाहिए."
सुषमा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के आरोपों को आधारहीन करार दिया और कहा कि जो दूसरों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं, अच्छा होगा कि वे आत्म निरीक्षण करें और देखें कि वे बलूचिस्तान सहित अपने देश के अंदर कितना बुरा पाप कर रहे हैं. बलूच लोगों के खिलाफ अत्याचार पाकिस्तान सरकार के दमन के सबसे बुरे रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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