वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अयाज आमिर पर शुक्रवार की रात लाहौर में अज्ञात लोगों ने हमला किया. ये घटना तब हुई जब एक दिन पहले यानि गुरुवार को उन्होंने पाकिस्तान के सेना जनरलों को "संपत्ति डीलर" करार दिया था. आमिर (73) दुनिया न्यूज पर उनके टीवी कार्यक्रम को होस्ट करने के बाद घर लौट रहे थे. इसी दौरान अज्ञात लोगों ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने (अयाज आमिर) दावा किया कि उन्हें कार से घसीट कर बाहर निकाला गया और खूब पीटा गया.
सेलफोन और बटुआ भी छीन लिया
चेहरे पर चोट के निशान के साथ, आमिर ने आरोप लगाया कि नकाबपोशों ने न केवल उन्हें मारा और उनके कपड़े फाड़ दिए. बल्कि उन्होंने उसका सेलफोन और बटुआ भी छीन लिया. हालांकि, जब लोग इकट्ठा होने लगे तो वे भाग गए. गुरुवार को इस्लामाबाद में 'शासन परिवर्तन और पाकिस्तान पर इसके नतीजे' विषय पर एक सेमिनार में एक भाषण के दौरान, आमिर ने पाकिस्तान की राजनीति में अपनी भूमिका के लिए शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान पर निशाना साधा. सेमिनार में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल हुए थे.
भाषण सोशल मीडिया पर वायरल
उन्होंने सेना के जनरलों को "संपत्ति डीलर" के रूप में संदर्भित किया और यहां तक कि मुहम्मद अली जिन्ना और अल्लामा इकबाल के चित्रों को हटाने और उन्हें "संपत्ति डीलरों" के साथ बदलने का भी सुझाव दिया. बिना नाम लिए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर निशाना साधते हुए आमिर ने कहा कि वह अपने कार्यकाल के छठे वर्ष में हैं और एक और विस्तार की तलाश में हैं. इधर, आमिर के भाषण के कुछ अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी
बता दें कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विशेष रूप से सैन्य प्रतिष्ठान की तर्ज पर इमरान खान द्वारा की गई गलतियों को भी इंगित किया. फिलहाल पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज ने वरिष्ठ पत्रकार पर हमले को लेकर पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, इमरान खान ने ट्वीट किया, "मैं लाहौर में वरिष्ठ पत्रकार अयाज आमिर के खिलाफ हिंसा की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं. पाकिस्तान सबसे खराब तरह के फासीवाद में उतर रहा है और पत्रकारों, विपक्षी राजनेताओं और नागरिकों के खिलाफ हिंसा और फर्जी प्राथमिकी दर्ज कर रहा है. जब राज्य सभी नैतिक अधिकार खो देता है तो वह हिंसा का सहारा लेता है." इधर, पत्रकारों, वकील निकायों और अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी हमले की निंदा की.
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