प्रतीकात्मक फोटो.
कुटुपालोंग (बांग्लादेश):
बांग्लादेश का दौरा कर रहे संयुक्त राष्ट्र के एक दल ने पड़ोसी देश म्यांमार में सेना नीत हिंसा से बचने के लिए भागकर इस देश में आ गए हजारों रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े संकट के हल के लिए कड़ी मेहनत करने का आज वादा किया.
राजनयिकों ने उन शिविरों और सीमा बिंदुओं का दौरा किया जहां करीब सात लाख रोहिंग्याओं ने शरण ले रखी है. राजनयिकों ने कहा कि उनकी इस यात्रा से स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने का एक मौका मिला है.
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संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत दिमित्रि पोलयांस्की ने कहा कि वह और उनकी टीम के सहयोगी सदस्य यात्रा के बाद इस संकट से मुंह नहीं मोड़ेंगे. उन्होंने यद्यपि यह भी कहा कि हल कोई आसान नहीं होगा.
राजनयिकों ने उन शिविरों और सीमा बिंदुओं का दौरा किया जहां करीब सात लाख रोहिंग्याओं ने शरण ले रखी है. राजनयिकों ने कहा कि उनकी इस यात्रा से स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करने का एक मौका मिला है.
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