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This Article is From Sep 16, 2013

सीरिया रासायनिक हथियार रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र को सौंपी

सीरिया रासायनिक हथियार रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र को सौंपी
संयुक्त राष्ट्र: सीरिया में रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए गठित टीम ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा कि मून इस रिपोर्ट की जानकारी सोमवार को सुरक्षा परिषद को देंगे।

नेसिर्की ने ईमेल द्वारा जारी वक्तव्य में संवाददाताओं को बताया, "सीरिया में रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट महासचिव को सौंप दी गई है।" उन्होंने कहा, "यह जांच दल के प्रमुख प्रोफेसर एके सेल्स्ट्रॉम द्वारा रविवार 15 सितंबर को महासचिव को सौंपी गई और महासचिव इसे सुरक्षा परिषद के सदस्यों को सोमवार सुबह उपलब्ध कराएंगे।"

नेसिर्की ने कहा, "मून सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के दौरान सुरक्षा परिषद को रिपोर्ट की जानकारी देंगे।" सुरक्षा परिषद के 15 देशों को इसकी जानकारी देने के बाद मून संवाददाताओं से मुखातिब होंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण मामलों के कार्यालय की वेबसाइट 'एचटीटीप://डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट यून डॉट आर्ग/डिजअर्मामेंट/' पर सोमवार सुबह जारी कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 21 अगस्त को सीरिया के दमिश्क शहर के गहौटा इलाके में कथित रासायनिक हमले की घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अपनी जांच टीम गठित की थी, जिसे सीरिया भेजा गया था।

उधर, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोमवार को कहा कि सीरिया का मौजूदा संकट पश्चिमी देशों का मध्य पूर्व में प्रभाव बढ़ाने के व्यापक षडयंत्र का एक हिस्सा है।

रूहानी ने कहा, "हम सभी को इस बात की जानकारी है कि यह केवल एक राष्ट्रपति या व्यक्ति के सत्ता में आने या सीरिया से जुड़ा हुआ नहीं है। यह इससे परे है और निश्चय ही पूरे क्षेत्र के लिए पश्चिम की योजना है।"

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, "लीबिया, ट्यूनीशिया, मिस्र, यमन और बहरीन में क्या हुआ। इसका उद्देश्य इजरायल विरोधी प्रतिरोध मोर्चे को कमजोर करना है।"

रूहानी ने कहा कि पश्चिम इस गलतफहमी में है कि ईरान पूरे क्षेत्र पर सैन्य नियंत्रण चाहता है। जबकि हमारा उद्देश्य पूरे क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ना है। उन्होंने कहा कि ईरान का उद्देश्य सीरिया में शांति और स्थिरता कायम रखना है।

सीरिया के रासायनिक हथियारों के भंडार पर अमेरिका और रूस के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हुए भारत ने सोमवार को उम्मीद जताई कि सीरिया संकट का हल निकालने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित जेनेवा के दूसरे दौर की वार्ता भी शीघ्र होगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध की अंतरराष्ट्रीय संधि को स्वीकार करने का भी स्वागत किया।

बयान में कहा गया है कि भारत निरंतर इस बात पर जोर देता रहा है कि सीरिया के मामले में किसी भी सैन्य कार्रवाई से बचा जाना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत पूरी दुनिया से रासायनिक हथियारों के संपूर्ण खात्मे का समर्थक रहा है।

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