संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने उस जांच रिपोर्ट का खुलकर समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि लीबिया पर बीते साल हवाई हमले के दौरान नाटो ने जानबूझकर नागरिकों को निशाना नहीं बनाया।
लीबिया पर हवाई हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दो भागों में बंट गई थी। रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत का कहना था कि हवाई हमला संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस एवं जर्मनी खुलकर इसका समर्थन कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव इस मामले पर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के विचारों से सहमत हैं।’’ रिपोर्ट बीते दो मार्च को जारी गई थी। इसके बाद पहली बार मून की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है।
मून ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लीबिया के खिलाफ की गई कार्रवाई सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक थी।
लीबिया पर हवाई हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दो भागों में बंट गई थी। रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत का कहना था कि हवाई हमला संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस एवं जर्मनी खुलकर इसका समर्थन कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव इस मामले पर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के विचारों से सहमत हैं।’’ रिपोर्ट बीते दो मार्च को जारी गई थी। इसके बाद पहली बार मून की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है।
मून ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लीबिया के खिलाफ की गई कार्रवाई सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक थी।