यूक्रेन (Ukraine) के रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने बुधवार को एक वीडियो (Video) जारी किया जिसमें दिखाया गया है कि कैसे "बिन बुलाए मेहमानों"- रूसी सेना पर लगातार गोले बरसाए जा रहे हैं. रूस की सेना राजधानी कीव (Kyiv) की ओर बढ़ रही है. रात को ली गई इस फुटेज में दिखता है कि करीब दो दर्जन गोले यूक्रेनी सेना की ओर से दागे जाते हैं. अंधेरे में टार्गेट दिख नहीं पाता. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्विटर पर कहा गया है कि "बिन बुलाए मेहमान यूक्रेनी ज़मीन पर चैन से नहीं सोएंगे- हमारे सेना हर जगह उनका "स्वागत" करेगी. वीडियो में दिखता है कि इसे एक सैनिक ने रिकॉर्ड किया है. कुछ घंटे पहले ही पोस्ट किए गए इस वीडियो को 55 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है. ट्विटर यूजर्स यूक्रेनी सेना की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं.
Непрохані гості не будуть спокійно спати на українській землі - скрізь «гаряче» вітають їх наші артилеристи.
— Defence of Ukraine (@DefenceU) March 16, 2022
🎥Відео 30_ОМБр ім. князя Костянтина Острозького #stoprussia pic.twitter.com/Berj4HKoDa
एक यूजर ने लिखा है, " पुतिन की तरफ से भेजे गए रूसियों का यूक्रेन में अच्छा स्वागत हो रहा है." एक और यूजर ने 1962 में आई फिल्म लॉरेंस ऑफ अरेबिया (Lawrnce of Arabia) का डायलॉग लिखा है- "पाउंड देम, चार्ली" (Pound them, Charley), जिसका मतलब है, चार्ली जोरदार प्रहार करो.
यूक्रेन (Ukraine) में भेजी गईं एंटी टैंक मिसाइलों (Anti-Tank Missiles) ने युद्ध में रूस को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है. इससे रूस पर दबाव डलेगा कि वो शहरी लड़ाई के लिए अपने और क्षमतावान सैनिक ढूंढे. एंटी टैंक मिसाइल. सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, यूक्रेन में जितनी एंटी टैंक मिसाइल हाल ही के हफ्तो में भेजी गईं हैं, उनकी संख्या होश उड़ा देने वाली है. इससे यूक्रेन के सैनिकों को इन हथियारों का ऐसा ज़खीरा मिला है जो आधुनिक युद्ध में शायद पहले कभी नहीं देखा गया.
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार, केवल ब्रिटेन ने ही 3,615 छोटी रेंज के हल्के आधुनिक एंटी टैंक हथियार (NLAW) भेजे हैं लॉन्चर्स के साथ. जर्मनी (Germany) ने कहा है कि वो अपने ज़खीरे से 1,000 एंटी टैंक हथियार भेजेगा. नॉर्वे (Norway) 2000, स्वीडन (Sweden) 5000 और अमेरिका (US) जैवलिन (Javelin) मिसाइल सिस्टम भेज रहा है, जिसकी संख्या उसने सार्वजनिक नहीं की है. दूसरे देशों ने भी हथियार भेजे हैं, कई आधुनिक तकनीक के नहीं हैं लेकिन वो ठीक-ठीक खतरनाक हैं.
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