ब्रिटेन (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (PM Boris Johnson) ने पूर्व मुस्लिम मंत्री के द्वारा लगाए गए धार्मिक भेदभाव (Discriminations against faith) के आरोप की जांच के आदेश दिए हैं. ब्रिटेन की पूर्व जूनियर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ( Ex Junior Transport Minister) और सांसद नुसरत गनी (MP Nusrat Ghani) ने कोरोना में पार्टी (PartyGate) के आरोपों का सामना कर रहे ब्रिटिश प्रधानमंत्री के लिए नई मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा है,"प्रधानमंत्री ने कैबिनेट दफ्तर को सांसद नुसरत गनी के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं."प्रधानमंत्री जॉनसन ने इससे पहले नुसरत गनी से अपील की थी कि वो कन्ज़रवेटिव पार्टी के ज़रिए एक औपचारिक अपील दर्ज करवाएं. लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया था कि यह आरोप सरकार पर केंद्रित हैं ना कि पार्टी के काम पर.
My response to No10 statement pic.twitter.com/Fyp08t9pC1
— Nus Ghani MP (@Nus_Ghani) January 23, 2022
प्रधानमंत्री कार्यलय की तरफ से कहा गया है कि, " प्रधानमंत्री जॉनसन इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लेते हैं. उन्होंने अब अधिकारियों से जांच के लिए तत्थ इकठ्ठा करने को कहा है."
नुसरत गनी ने नई जांच का स्वागत किया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ बातचीत के बाद इस नई जांच के आदेश दिए गए. नुसरत गनी ने ट्वीट किया, " जैसा कि मैंने पिछली रात प्रधानमंत्री से कहा, मैं केवल इतना चाहती हूं कि इस मुद्दे की गंभीरता से जांच हो."
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— Nus Ghani MP (@Nus_Ghani) January 24, 2022
49 साल की नुसरत गनी को 2020 में ट्रांसपोर्ट मंत्री के पद से हटा दिया गया था. उन्होंने संडे टाइम्स को बताया कि एक बैठक में उनका "मुस्लिम होना एक मुद्दा बन गया था."
2018 में एक अखबार में लिखे जॉनसन के लेख की काफी आलोचना हुई थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि बुर्का पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं "लेटरबॉक्स" और "बैंक की डकैत" जैसी लगती हैं.
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