संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने उन देशों पर ‘कड़ी पाबंदियां' लगाने की योजना बनाई है जो कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर इस देश में फंसे हुए अपने नागरिकों को वापस बुलाने की इच्छा नहीं दिखा रहे. एक सरकारी एजेंसी की खबर में रविवार को कहा गया कि यूएई ऐसे देशों के साथ अपने सहयोग तथा श्रम संबंधों को पुन: निर्धारित करने पर विचार कर रहा है. यूएई में करीब 33 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं जो इस देश की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है. इस देश में भारतीय राज्यों में से सर्वाधिक लोग केरल के हैं, उसके बाद तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लोग यहां रहते हैं. सरकारी डब्ल्यूएएम समाचार एजेंसी ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि मानव संसाधन और एमीरेटाइजेशन मंत्रालय जिन विकल्पों पर विचार कर रहा है उनमें उक्त देशों के श्रमिकों की भर्ती पर भविष्य में कड़ी पाबंदी लागू करना और कोटा प्रणाली लागू करना शामिल है. इसमें कहा गया कि इन विकल्पों में इन देशों के संबंधित प्राधिकारों और मंत्रालय के बीच हुए सहमति-पत्रों को निलंबित करना भी शामिल है.
एजेंसी ने अधिकारी का नाम लिये बगैर उनके हवाले से बताया कि कई देशों ने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद वापस बुलाने के अपने नागरिकों के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया है जिसके बाद इन विकल्पों पर विचार किया गया. दरअसल यूएई ने अपने यहां फंसे हुए भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों को वापस भेजने की पेशकश की है, बशर्ते कि उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट निगेटिव आए. भारत में नियुक्त यूएई के राजदूत ने गल्फ न्यूज से यह कहा है. भारत में नियुक्त संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत रहमान अल बन्ना ने शनिवार को फोन पर गल्फ न्यूज से कहा कि यूएई के विदेश एवं अंतराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने देश में मौजूद सभी दूतावासों को इस सिलसिले में पिछले एक-दो हफ्तों में पत्र भेजा है, जिनमें भारतीय दूतावास भी शामिल है.
राजदूत के हवाले से अखबार ने कहा,‘‘हमने यह पत्र भेजा है और यूएई में भारतीय दूतावास सहित सभी दूतावासों को तथा भारत में विदेश मंत्रालय तक को सूचित किया है.'' उन्होंने कहा कि यूएई ने यहां से स्वदेश लौटना चाह रहे लोगों को जांच कराने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर किसी को आश्वस्त कर रहे हैं कि हमारे पास सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं हैं, सर्वश्रेष्ठ जांच केंद्र हैं और हमने 5,00,000 से अधिक लोगों की जांच की है.'' राजदूत ने कहा, ‘‘कुछ कारणवश यूएई में फंसे लोगों को भी विमान से वापस भेजने का हम भरोसा दिला रहे हैं. कुछ लोग लॉकडाउन के चलते और भारत में हवाईअड्डों के बंद होने के चलते फंस गये. कुछ लोग यूएई की यात्रा पर आए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट संक्रमण की पुष्टि होगी उन्हें यूएई में ही रहना होगा. उनका हमारे यहां इलाज कराया जाएगा.' उल्लेखनीय है कि केरल उच्च न्यायालय ने महामारी के चलते खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिये निर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका पर शनिवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा.
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