लापता मलेशियाई विमान की खोज की दिशा में अगले कदमों पर चर्चा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया, चीन और मलेशिया ने आज त्रिपक्षीय वार्ता की। अधिकारियों ने कहा कि नए और अधिक परिष्कृत सोनार उपकरण को विमान की खोज में लगाने में अभी दो माह तक का समय लग सकता है।
ऑस्ट्रेलियाई उप प्रधानमंत्री वॉरेन ट्रस और खोज अभियान के प्रमुख अंगस ह्यूस्टन ने पानी के अंदर खोज की योजना तैयार करने के लिए मलेशियाई रक्षा मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन और चीनी यातायात मंत्री यांग चुआनतांग से यहां मुलाकात की। इस खोज के तहत हिंद महासागर में 60 हजार वर्ग किलोमीटर के हिस्से पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
ट्रस ने यह स्वीकार किया कि मलेशियाई विमान एमएच370 की खोज को लगभग दो माह हो चुके हैं और इसमें अभी और समय लगेगा क्योंकि खोज क्षेत्र के तहत आने वाला समुद्री क्षेत्र कई किलोमीटर गहरा है और इसमें से अधिकतर क्षेत्र का नक्शा अभी तैयार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि समुद्री सतह पर खोज के लिए एक नया और अधिक परिष्कृत उपकरण हासिल करने के लिए जल्दी ही एक निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर आशांवित हैं कि हम यह काम एक से दो माह के भीतर कर सकते हैं। फिर हमारे पास दो माह के भीतर पानी में और अधिक उपकरण होंगे।
ट्रस ने कहा, इस बीच ब्लूफिन-21 काम करता रहेगा और जरूरी समुद्री कार्य किए जाते रहेंगे ताकि खोज में कोई बाधा न आए। अभी तक एकत्र किए गए आंकड़ों और सूचनाओं का दोबारा विश्लेषण और आकलन बुधवार से किया जाएगा। ट्रस ने पानी की गहराई के बारे में कहा, मैं नहीं जानता कि किसी को इसके बारे में पूरी तरह पता भी है या नहीं क्योंकि इसे कभी भी मापा नहीं गया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का जरा भी ‘अंदाजा’ नहीं है कि विमान का मलबा कब मिलेगा।
बीजिंग जाने वाला बोइंग 777-200 विमान 8 मार्च को कुआलालंपुर से उड़ान भरने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। इस विमान पर पांच भारतीय, एक इंडो-कनाडियन और 154 चीनी नागरिक सवार थे। फिलहाल ब्लूफिन हिंद महासागर के तल में खोज कर रहा है, लेकिन यह सिर्फ 4.5 किलोमीटर तक ही जा सकता है।
मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने आज एमएच370 की खोज के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता जाहिर की।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हमें कोई नतीजा नहीं मिला है लेकिन सरकार मित्र देशों की मदद से खोज को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया ने विमान की खोज में मलेशिया की मदद के लिए असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई है।’’ मलेशिया का मानना है कि विमान की दिशा उसपर सवार किसी व्यक्ति ने जानबूझकर बदली और उपग्रह से मिले आंकड़े दिखाते हैं कि यह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में स्थित शहर पर्थ के निकट हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
मलेशियाई सरकार ने अभी तक अपनी जांच के बारे में चुप्पी साधे रखी, जिस वजह से लापता विमान पर सवार यात्रियों के संबंधियों में गुस्सा और निराशा में वृद्धि हुई है।
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