विज्ञापन
This Article is From Jan 21, 2021

उइगर महिलाओं को लेकर विवादास्पद ट्वीट के बाद ट्विटर ने US में चीनी दूतावास का अकाउंट किया लॉक

ट्विटर ने अमेरिका स्थित चीनी दूतावास के अकाउंट को लॉक कर दिया, क्योंकि इसमें दावा किया गया था कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर महिलाओं की सोच बंधनों से मुक्त हो गई है और अब वह सिर्फ 'बच्चा पैदा करने वाली मशीन' नहीं हैं.

उइगर महिलाओं को लेकर विवादास्पद ट्वीट के बाद ट्विटर ने US में चीनी दूतावास का अकाउंट किया लॉक
अमेरिका स्थित चीनी दूतावास का ट्विटर अकाउंट हुआ लॉक
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
चीनी दूतावास ने चाइना डेली की एक रिपोर्ट को किया था शेयर
उइगर महिलाओं को लेकर किया था ट्वीट
यूजर्स ने ट्विटर को चीन की दमनकारी नीतियों के प्रचार का मंच तक कह दिया था

ट्विटर ने अमेरिका स्थित चीनी दूतावास के अकाउंट को लॉक कर दिया, क्योंकि इसमें दावा किया गया था कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर महिलाओं की सोच बंधनों से मुक्त हो गई है और अब वह सिर्फ 'बच्चा पैदा करने वाली मशीन' नहीं हैं. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि हमने 7 जनवरी के एक ट्वीट पर एक्शन लिया, जिसमें अमानवीयकरण के खिलाफ हमारी नीति का उल्लंघन किया गया था. इस ट्वीट को मूल रूप से 7 जनवरी को शेयर किया गया था, लेकिन अब यह 'उपलब्ध नहीं है' के लेबल के साथ दिखाई दे रहा है. 

बता दें कि चीनी दूतावास के इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा था. इसे लेकर यूजर्स ने आह्वान किया था कि ट्विटर पर चीनी सरकार के दमनकारी अभियान को मंच दिया जा रहा है और यह पोस्ट उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है.

गौरतलब है कि 7 जनवरी को चीनी दूतावास ने चाइना डेली की एक रिपोर्ट शेयर की और लिखा कि अध्ययनों से पता चला है कि धार्मिक कट्टरपंथ खत्म करने की प्रक्रिया के दौरान शिनजियांग में उइगर महिलाओं की सोच को बंधनमुक्त कराया गया है. उनके बीच लैंगिग समानता और प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाई गई है, जिससे वह सिर्फ 'बच्चे पैदा करने वाली मशीन' बनकर न रह जाएं. अब उइगर महिलाएं ज्यादा आत्मविश्वासी और स्वतंत्र हैं.

वहीं इसके उलट विश्वसनीय रिपोर्टों के मुताबिक- 1 मिलियन से ज्यादा लोगों को अलग-अलग डिटेंशन कैंपों में काफी खराब हालातों में रखा जाता है.  लोगों को यहां बंदी बनाकर रखा जाता है. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र की भी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट भी सामने आई थी, जिसमें डिटेंशन सेंटर से आई महिलाओं ने दावा किया था कि कैंपों में महिलाओं को इंजेक्शन देकर बांझ बनाया जा रहा है ताकि वे बच्चे न पैदा कर सकें और चीन में उइगर मुस्लिमों की संख्या न बढ़े. इसके साथ ही वहां जोड़ी 'बनाओ और परिवार बनो' कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसमें उइगर महिलाओं को चीनी पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है.

ये VIDEO भी देखें : चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बसाया गांव, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: