पेशावर में चर्च के बाहर हुए धमाके में घायल एक महिला
पेशावर:
पाकिस्तान के अशांत खबर पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार की प्रार्थना के लिए भारी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को निशाना बनाते हुए एक ऐतिहासिक गिरिजाघर पर किए गए दोहरे आत्मघाती हमले में महिलाओं और बच्चों समेत 78 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए।
हमले का शिकार हुए लोग रविवार की नियमित प्रार्थना के बाद गिरिजाघर से बाहर निकल रहे थे। पेशावर के कमिश्नर साहिबजादा मुहम्मद अनीस ने बताया कि शहर के हिंसाग्रस्त कोहाटी गेट जिले में स्थित इस प्राचीन गिरिजाघर के बाहर उस समय दोहरा आत्मघाती विस्फोट किया गया, जब श्रद्धालु रविवार की प्रार्थना के बाद बाहर निकल रहे थे।
अनीस ने बताया कि विस्फोट के समय गिरिजाघर के भीतर 600-700 लोग मौजूद थे। विस्फोट की तीव्रता के कारण आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
इस गिरिजाघर को 'पाकिस्तान चर्च' कहा जाता है। मारे गए लोगों में तीन से आठ साल के चार बच्चे और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। घायलों को शहर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि यह आत्मघाती विस्फोट पेशावर के बेहद भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित एक पुराने गिरिजाघर में हुआ। इस इलाके में हर समय लोगों की भारी आवाजाही रहती है, विशेषतौर पर महिलाओं की, क्योंकि यह मुख्य बाजार और शॉपिंग सेंटर है।
इस इलाके में ईसाई समुदाय के लोग काफी संख्या में हैं और वे बड़ी संख्या में रविवार की प्रार्थना के लिए गिरिजाघर जाते हैं। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईसाइयों समेत देश के अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए पिछले हमलों के लिए चरमपंथी इस्लामियों को आरोपी ठहराया गया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता और मासूम लोगों को निशाना बनाना इस्लाम तथा सभी धर्मों की शिक्षाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की इस प्रकार की वीभत्स घटनाएं आतंकवादियों की नृशंसता एवं अमानवीय सोच को दर्शाती हैं।
हमले का शिकार हुए लोग रविवार की नियमित प्रार्थना के बाद गिरिजाघर से बाहर निकल रहे थे। पेशावर के कमिश्नर साहिबजादा मुहम्मद अनीस ने बताया कि शहर के हिंसाग्रस्त कोहाटी गेट जिले में स्थित इस प्राचीन गिरिजाघर के बाहर उस समय दोहरा आत्मघाती विस्फोट किया गया, जब श्रद्धालु रविवार की प्रार्थना के बाद बाहर निकल रहे थे।
अनीस ने बताया कि विस्फोट के समय गिरिजाघर के भीतर 600-700 लोग मौजूद थे। विस्फोट की तीव्रता के कारण आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
इस गिरिजाघर को 'पाकिस्तान चर्च' कहा जाता है। मारे गए लोगों में तीन से आठ साल के चार बच्चे और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। घायलों को शहर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि यह आत्मघाती विस्फोट पेशावर के बेहद भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित एक पुराने गिरिजाघर में हुआ। इस इलाके में हर समय लोगों की भारी आवाजाही रहती है, विशेषतौर पर महिलाओं की, क्योंकि यह मुख्य बाजार और शॉपिंग सेंटर है।
इस इलाके में ईसाई समुदाय के लोग काफी संख्या में हैं और वे बड़ी संख्या में रविवार की प्रार्थना के लिए गिरिजाघर जाते हैं। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईसाइयों समेत देश के अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए पिछले हमलों के लिए चरमपंथी इस्लामियों को आरोपी ठहराया गया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता और मासूम लोगों को निशाना बनाना इस्लाम तथा सभी धर्मों की शिक्षाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की इस प्रकार की वीभत्स घटनाएं आतंकवादियों की नृशंसता एवं अमानवीय सोच को दर्शाती हैं।
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