
- तुर्कमेनिस्तान में समलैंगिकता को अपराध माना जाता है और LGBTQ समुदाय के लोग जेलों में प्रताड़ित किए जाते हैं
- जेल में कैद LGBTQ व्यक्तियों के साथ रेप और शारीरिक यातनाएं आम, HIV पॉजिटिव लोगों को भी निशाना बनाया जाता है
- तुर्कमेनिस्तान ने UN में भेदभाव को अवैध बताया लेकिन समलैंगिक संबंधों को पारंपरिक मूल्यों के खिलाफ करार दिया है
तुर्कमेनिस्तान को दुनिया के सबसे सीक्रेट और दमनकारी शासन वाले देशों में से एक माना जाता है. यहां से किसी तरह भागकर बाहर आए दो लोगों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया है कि कैसे समलैंगिक (गे) होने के "अपराध" के लिए तुर्कमेनिस्तान में उन्हें प्रताड़ित किया गया, पीटा गया और उनका रेप किया गया.
जब भी तेल और गैस से समृद्ध यह मध्य एशियाई देश सुर्खियाँ बटोरता है, तो यह आमतौर पर उसके "राष्ट्रीय नेता" और "हीरो" कहे जाने वाले गुरबांगुली बर्डीमुखामेदोव की विलक्षणताओं के लिए होता है. डेंटिस्ट से तानाशाह बना यह नेता अपने घोड़े के बारे में कविताएं लिखता है, उसकी अपनी फुटबॉल टीम ने स्थानीय लीग में कभी कोई गेम नहीं हारा है. उनके बार में कहा जाता है कि वह एक हेल्थ फ्रिक हैं यानी स्वास्थ्य को लेकर हद से अधिक संजीदा हैं. अब तो तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और उनके बेटे सर्दार ने साल के अंत तक वहां स्मोकिंग बैन करने की योजना बनाई है.
एएफपी ने अर्सलान (नाम बदला हुआ) और डेविड से बात की जो अब विदेश में छिपा हुआ है. अर्सलान ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कैसे जेल में उसके साथ पांच बार बलात्कार किया गया. यहां एचआईवी पॉजिटिव कैदियों को इलाज के अभाव में धीमी मौत की सजा दी जाती है. जबकि डेविड का कहना है कि उसके यातना देने वालों ने उसे पीटा और उसके साथ बलात्कार किया. डेविड ने बताया कि उसके साथ बलात्कार करने वालों ने "मेरे खून को छूने से बचने के लिए" दस्ताने पहने थे.
वैसे तो तुर्कमेनिस्तान के अधिकारी ऐसे सभी आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हैं. लेकिन पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने जोर देकर कहा कि तुर्कमेनिस्तान में किसी तरह का भेदभाव अवैध है. साथ ही उन्होंने कहा कि समलैंगिक संबंध एक अपराध है, क्योंकि वे तुर्कमेन लोगों के "पारंपरिक मूल्यों" के विपरीत हैं.
अर्सलान और डेविड की कहानी
अर्सलान 18 साल की उम्र में तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में चले आए थे उन्हें वहां एक छोटा समलैंगिक समुदाय मिला और उन्होंने एक व्यक्ति के साथ गुप्त संबंध बनाए. लेकिन तीन साल बाद उन्हें लगभग 10 अन्य "संदिग्ध समलैंगिकों" के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.

डेविड ओमारोव LGBTQ समुदाय और HIV पॉजिटिव लोगों के हक के लिए आवाज उठाते हैं
जनवरी 2018 में एक बंद कमरे की सुनवाई में अर्सलान को पुलिस ने पीटा था और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप में दो साल की जेल हुई. माफी मिलने से पहले उसने 9 महीने दंड देने के लिए अलग से बनाए कॉलोनी (जेल ही) में बिताए थे. उसके बैरक में 72 पुरुषों में से लगभग 40 अपनी समलैंगिक होने के कारण वहां मौजूद थे. एक दिन उसे ड्रग्स देकर वहां उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया. अर्सलान ने कहा कि यह घृणित था. उसने कई गोलियां एक साथ खाकर खुद को मारने की कोशिश भी की थी.
दूसरी तरफ 29 साल के डेविड ओमारोव किशोरावस्था से ही HIV पॉजिटिव हैं. लेकिन तुर्कमेनिस्तान में इस वायरस और इससे बचने के उपायों के बारे में शिक्षा लगभग न के बराबर है. डेविड की जिंदगी 2019 में उलट-पुलट गई जब उसे LGBTQ लोगों पर लगातार होने वाली कार्रवाई के बीच पुलिस ने बुलाया. उसे कई दिनों तक पकड़कर रखा गया और दूसरे लोगों के नाम बताने के लिए प्रताड़ित किया गया. उन्होंने एएफपी को बताया, "वे जानते थे कि मैं HIV पॉजिटिव हूं."
"तो उन्होंने मेरे खून को छूने से बचने के लिए मुझे दस्ताना पहनकर मारा और लातें मारीं. लेकिन मेरा बहुत खून बहने लगा."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं