
- रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के होक्काइडो तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी का असर शुरू हुआ है.
- सुनामी समुद्र तल के नीचे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन से उत्पन्न होने वाली बड़ी लहरें होती हैं.
- सुनामी शब्द जापानी भाषा के 'बंदरगाह' और 'लहर' शब्दों से आया है, जिसका ज्वार-भाटा से कोई संबंध नहीं है.
Tsunami Explained: रूस के तटीय इलाके में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया और जापान से लेकर अमेरिका और मैक्सिको तक सुनामी ने डराना शुरू कर दिया है. शुरूआती चेतावनी के बाद सुनामी ने असर दिखाना शुरू भी कर दिया है. सुनामी ने रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित किया है.
इस एक्सप्लेनर में हम आपको सुनामी के पीछे के साइंस को समझाएंगे. हम आपको बताएंगे कि सुनामी होती क्या है, क्या सुनामी आने के पीछे केवल भूकंप ही कारण हो सकते हैं, रोमन काल में कैसे एक खतरनाक सुनामी आई थी, सुनामी कितना तबाही मचा सकती है.
जैसे प्याले में तूफान… आखिर क्या होती है सुनामी
Depremin korkutucu etkisine bakar mısınız resmen okyanusu titretiyor 😲#Tsunami | #deprem | #Japonya pic.twitter.com/7FOQldBRiR
— Professor (@alfadoktor_) July 30, 2025
सुनामी दअसल पानी का एक झटका है जो समुद्र से होता हुआ फैलता है. आमतौर पर जब समुद्र तल के नीचे एक शक्तिशाली भूकंप आता है तो उसकी इनर्जी तरंगों के रूप में पानी में ट्रांसफर होती हैं. भूकंप की वजह से पृथ्वी के उपरी भाग में अचानक और हिंसक हलचल समुद्र तल के एक हिस्से को ऊपर या नीचे धकेल सकती है. इसकी वजह से बड़ी मात्रा में पानी विस्थापित हो जाता है जो लहरों के रूप में चलता है. यह बड़ी लहरें ही सुनामी हैं. सुनामी अपने स्रोत से सभी दिशाओं में फैलती है और कभी-कभी जेट विमान की गति से, लंबी दूरी तय कर सकती है. सुनामी एक दुर्लभ घटना हैं लेकिन जब यह आती हैं तो ये खतरनाक रूप से शक्तिशाली लहरें पैदा कर सकते हैं और तटीय क्षेत्रों में घातक बाढ़ का कारण बन सकती हैं.
क्या सुनामी आने की वजह केवल भूकंप हैं?
बड़े भूकंप ही सुनामी के पीछे की सबसे बड़ी वजह हैं लेकिन वो अकेले नहीं हैं. सुनामी की घटना ज्वालामुखी विस्फोट और भूस्खलन जैसी अन्य विनाशकारी भौगोलिक घटनाओं से भी उत्पन्न हो सकती है. 1883 में, एक ज्वालामुखी ने क्राकाटोआ के प्रशांत द्वीप को तहस-नहस कर दिया, जिससे एक विस्फोट हुआ जिसे 4,500 किलोमीटर (2,800 मील) दूर तक सुना जा सकता था, उसके बाद सुनामी आई जिसमें लगभग 30,000 लोग मारे गए.
सुनामी शब्द कैसे आया?
"सुनामी" शब्द दरअसल "बंदरगाह" और "लहर" के लिए जापानी शब्दों से आया है. सुनामी को कभी-कभी "ज्वारीय लहरें (टाइडल वेव्स)" भी कहा जाता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह गलत है क्योंकि उनका ज्वार-भाटा से कोई संबंध नहीं है. अपनी उत्पत्ति के बिंदु पर, सुनामी की लहरों की ऊँचाई अपेक्षाकृत कम होती है, और चोटियां (पीक्स) दूर-दूर होती हैं.
जैसे-जैसे लहरें किनारे के पास आती हैं, वे समुद्र तल की शेल्फिंग से संकुचित हो जाती हैं, जिससे चोटियों के बीच की दूरी कम हो जाती है और ऊंचाई काफी बढ़ जाती है. जब वे तट से टकराते हैं, तो सुनामी लहरें कई घंटों या दिनों तक बार-बार आ सकती हैं.
जब सुनामी ने रोमन इतिहास को झकझोरा था?
समुंद्र के किनारे पर मौजूद लोगों के लिए, अनहोनी का पहला संकेत समुद्र का पीछे हटना हो सकता है, क्योंकि उसके बाद ही सुनामी की बड़ी लहरें आती हैं. 365 ईस्वी में मिस्र के शहर अलेक्जेंड्रिया में आई सुनामी के बारे में रोमन लेखक अम्मीअनस मार्सेलिनस ने लिखा, "समुद्र पीछे चला गया, और इसका पानी इस हद तक बह गया कि गहरे समुद्र का तल खाली हो गया और कई प्रकार के समुद्री जीव देखे जा सकते थे… जब पानी की बहुत कम उम्मीद थी तब भारी मात्रा में पानी वापस बह गया, और अब बाढ़ आ गई और हजारों लोगों की मौत हो गई... लहरों के प्रकोप से कुछ बड़े जहाज घरों के छतों पर गिर गए."
सुनामी से कितनी तबाही हो सकती है?
कई फैक्टर हैं जो सुनामी की ऊंचाई और उससे होने वाली तबाही को निर्धारित करते हैं. इन फैक्टर्स में भूकंप का आकार, विस्थापित पानी की मात्रा, समुद्र तल की स्थलाकृति और क्या प्राकृतिक बाधाएं हैं जो झटके को कम करती हैं, शामिल हैं.
प्रशांत महासागर विशेष रूप से भूकंप और इसलिए सुनामी के प्रति संवेदनशील है. लेकिन हजारों सालों में दुनिया के कई हिस्सों में खतरनाक सुनामी आई है. हिंद महासागर में दिसंबर 2004 की सुनामी इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर 9.1 तीव्रता के भूकंप के कारण आई थी. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, इससे भूकंप से जितनी उर्जा निकली थी वो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम के 23,000 गुना के बराबर थी. सुनामी से 11 देशों में लगभग 220,000 लोग मारे गए, जिनमें से कई भूकंप के केंद्र से हजारों किलोमीटर दूर थे.
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