डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति की शपथ लेते ही कार्यभार संभाल लिया है. इसके साथ ही उनकी कैबिनेट भी पूरी तरह तैयार है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली है और इसके बाद उन्होंने 78 कार्यकारी आदेश भी जारी किए हैं. इन आदेशों के साथ उन्होंने जो बाइडेन के कई आदेशों को पलट कर रख दिया है. अब चार सालों के लिए उनकी कैबिनेट भी आने वाली चुनौतियों और जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है. तो चलिए आपको बताते हैं कि उनकी कैबिनेट में कौन-कौन है और किसकी क्या जिम्मेदारी है.
मार्को रुबियो, विदेश मंत्री
मार्को रुबियो ट्रंप प्रशासन में विदेश मंत्री बनाए गए हैं. ट्रंप ने खुद कहा था, मार्को रुबियो कभी विरोधियों के सामने झुकेंगे नहीं. वह अमेरिका के फ्लोरिडा से सीनेटर हैं. लातिन अमेरिका और पड़ोसी देशों के मामलों का उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है. मार्को रुबियो क्यूबा मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. मार्को रुबियो वही शख्स हैं जिन्होंने साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप को सबसे घटिया इंसान बताया था और उनकी खूब आलोचना भी की थी लेकिन फिर भी ट्रंप उनपर मेहरबान हुए हैं.
पीट हेगसेथ, रक्षा मंत्री
ट्रंप ने दुनिया की सबसे ताकतवर अमेरिकी सेना के चीफ, एक न्यूज एंकर और होस्ट को रक्षा मंत्री बनाकर खलबली मचा दी है. ट्रंप कैबिनेट में पीट हेगसेथ को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. पीट हेगसेथ सेना में मेजर रहे हैं. साथ ही वह फॉक्स न्यूज के एंकर और होस्ट भी रहे हैं. वो 900 बिलियन डॉलर वाले पेंटागन के चीफ बने हैं. वे पेंटागन की सेवा में लगे 28 लाख कर्मियों के चीफ बन गए हैं. उनको ये जिम्मेदारी देते हुए ट्रंप ने कहा था, "हेगसेथ अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के सच्चे सपोर्टर और विश्वासी हैं. पीट के शीर्ष पर होने से हमारी सेना फिर से महान होगी". ट्रंप ने खुद कहा था पीट हेगसेथ के नेतृत्व में अमेरिका कभी पीछे नहीं हटेगा.
कैरोलिन लेविट, व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में प्रेस सचिव रहीं कैरोलिन लेविट को बड़ा पद दिया है. कैरोलिन लेविट व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव नियुक्त की गईं हैं. कैरोलिन लेविट की उम्र महज 27 साल है. वो अमेरिकी इतिहास में व्हाइट हाउस की सबसे कम उम्र की प्रवक्ता हैं. कैरोलिन स्मार्ट औह सख्त रुख की हैं. ट्रंप ने कहा था, "वो एक बेहद प्रभावी कम्युनिकेटर साबित होंगी". न्यू हैम्पशायर की मूल निवासी लेविट को ट्रंप की एक कट्टर समर्थक के रूप में देखा जाता है. उन्हें अकसर दुनिया तक ट्रंप का संदेश पहुंचाते हुए देखा जाएगा.
एलन मस्क, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी
यारी निभाना तो कोई ट्रंप से ही सीखे. जिन्होंने अपने दोस्त एलन मस्क के लिए एक अलग विभाग ही बना डाला. ट्रंप ने एलन मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का प्रमुख नियुक्त किया है. इसमें उनका साथ विवेक रामास्वामी देने वाले थे लेकिन फिलहाल खुद को इससे बाहर कर लिया है. वह ओहियो में गवर्नर का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और इस वजह से उन्होंने खुद को इससे बाहर कर लिया है. डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी सरकारी नौकरशाही खत्म करेगी, अतिरिक्त नियमों को कम करेगी, फिजूलखर्ची में कटौती करेगी और फेडरल एजेंसियों के पुनर्गठन में सलाह देने का भी काम करेगी.
स्कॉट बेसेंट, वित्त मंत्री
अमेरिका की सबसे ताकवर इकॉनमी की कमान स्कॉट बेसेंट को दी गई है. ट्रंप ने उन्हें अमेरिका का वित्त मंत्री चुना है. बता दें कि स्कॉट बेसेंट ने खुद स्वीकार किया है वो गे है. वह अमेरिका के बड़े कारोबारी हैं. वो अपने पति और दो बच्चों के साथ रहते हैं. स्कॉट बेसेंट पॉलिटिकल पार्टियों को काफी दान देते हैं. उन्होंने बाइडेन की पार्टी को भी खूब दान दिया था.
सूजी वाइल्स, व्हाइट हाउस, चीफ ऑफ स्टाफ
डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सूजी वाइल्स को व्हाइट हाउस की पहली महिला चीफ ऑफ स्टाफ बनाया है. सूजी वाइल्स एक तरह से ट्रंप की राइट हैंड रहेंगी. ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी सूजी वाइल्स अहम रोल में थीं. सूजी 2016 से 2020 के दौरान ट्रंप की सीनियर एडवाइजर थीं. व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ होना एक बहुत बड़ी पावरफुल पॉजिशन होती है. अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसलों, पॉलिसी में इनका असर दिखता है.
माइकल वाल्ट्ज, NSA
इंडिया के लिए एक और अच्छी खबर है क्योंकि ट्रंप ने माइक वाल्ट्ज को अमेरिका का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है. वाल्ट्ज चीन के खिलाफ कड़ी नीति अपनाने की बात करते रहे हैं और वह पिछले साल भारत भी आए थे. माइक वाल्ट्ज पाकिस्तान में आतंकवाद पर चिंता जता चुके हैं. खालिस्तान समर्थक संगठनों की हिंसा को भी वह निंदनीय बता चुके हैं. वह हमेशा भारत-अमेरिका रिश्तों में पैरवी करते हैं. वे इंडिया काकस के प्रमुख भी हैं. इंडिया काकस अमेरिकी सांसदों का एक समूह है जो भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की पैरवी करता है. वो भारत के अच्छे मित्र भी हैं. वाल्ट्ज ने कहा था, "21वीं सदी में भारत अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण साझेदार होगा".
तुलसी गबार्ड, डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस
अमेरिका में पैदा हुईं तुलसी हिंदू हैं और पूरी तरह शाकाहारी हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अमेरिका में जासूसी से जुड़ी जिम्मेदारी के लिए चुना है. हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में तुलसी पाकिस्तान को भी फटकार लगा चुकी हैं. तुलसी अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं. सांसद बनने पर उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. वो पहले बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी में थीं लेकिन 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी थी. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "तुलसी अपने साहसी स्वभाव को हमारी इंटेलिजेंस कम्युनिटी में भी लाएंगी".
काश पटेल, FBI डायरेक्टर
क्या आप जानते हैं ट्रंप ने अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI का डायरेक्टर बनाने का एलान किया है. काश पटेल ट्रंप के वफादार माने जाते हैं. ट्रंप भी कई मौकों पर उनकी तारीफ कर चुके हैं. काश पटेल का ताल्लुक गुजरात के वडोदरा शहर से रहा है. काश पटेल ने कानून की डिग्री हासिल की है. उन्होंने फ्लोरिडा में पब्लिक डिफेंडर के रूप में अपना करियर शुरू किया था. काश पटेल की किताब 'गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी' काफी फेमस है. ट्रंप ने कहा था कि पटेल की पुस्तक उनके अगले कार्यकाल का खाका होगी. खुद ट्रंप ने कहा था कि काश पटेल की ये किताब हर भ्रष्टाचारी को उजागर करने वाला शानदार रोडमैप है.
जॉन रैटक्लिफ, CIA, डायरेक्टर
नेशनल इंटेलिजेंस डिपोर्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ को बड़ी जिम्मेदारी दी है. ट्रंप ने उन्हें केंद्रीय खुफिया एजेंसी CIA का डायरेक्टर बनाया है. रैटक्लिफ ने ट्रंप के पहले कार्यकाल के आखिरी महीनों में अपनी सेवाएं दी थीं. कोरोना काल में अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का नेतृत्व किया था.
तो ये थी ट्रंप के कैबिनेट की लंबी लिस्ट.
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