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This Article is From Jan 05, 2018

पाक के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई, सभी तरह की सुरक्षा मदद भी रोकी

अमेरिका ने पाकिस्तान दी जानेवाली सभी तरह की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी है. इससे पहले आतंकवाद से लड़ने के नाम पर पाकिस्तान को अमेरिका से 255 मिलियन डॉलर (16 अरब से अधिक) की सैन्य मदद भी रोक दी थी.

पाक के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई, सभी तरह की सुरक्षा मदद भी रोकी
पाक के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई, सभी तरह की सुरक्षा मदद पर लगाई रोक (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:

अमेरिका ने पाकिस्तान दी जानेवाली सभी तरह की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी है. इससे पहले आतंकवाद से लड़ने के नाम पर पाकिस्तान को अमेरिका से 255 मिलियन डॉलर (16 अरब से अधिक) की सैन्य मदद भी रोक दी थी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब तक पाकिस्तान अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, तब तक ये मदद नहीं दी जाएगी.

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इधर, ट्रंप के ट्वीट और सैन्य मदद रोके जाने से बौखलाए पाक ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में अपनी असफलता के लिए अमेरिका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है. पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि ट्रंप का हालिया बयान दिखाता है कि वो भारत की जुबान में बात कर रहे हैं. 

ट्रम्प ने पाकिस्तान पर आरोप लगाए थे कि उसने 33 अरब डॉलर अमेरिकी मदद के बदले केवल ‘‘झूठ और धोखा’’ दिया. बैठक में हुई चर्चा से अवगत सूत्रों ने कहा कि आसिफ ने सांसदों से कहा, ‘‘ट्रम्प भारत की भाषा में बोल रहे हैं.’’ आसिफ ने कहा, ‘‘अमेरिकी नेताओं के बयान तथ्यों से परे हैं.’’ निकाय का नेतृत्व करने वाले नेशनल एसेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका के बयानों पर ‘‘संतुलित प्रतिक्रिया’’ होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखते हुए देश की गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि समिति ने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अगले हफ्ते जानकारी देने के लिए एक और बैठक करने का निर्णय किया है. उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक और इस हफ्ते की शुरुआत में कैबिनेट की बैठक के बाद बंद कमरे में इस बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर भी मौजूद थे.

जियो टीवी ने खबर दी है कि दस्तगीर ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने जब पाकिस्तान का दौरा किया था तो उन्होंने राजनयिक नियमों के मुताबिक अपना रूख रखा और वार्तालाप धमकी भरा और अपमानजनक नहीं रहा.

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रक्षा मंत्री ने अमेरिकी नेताओं की धमकी भरी भाषा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘लेकिन यह ट्रम्प के ट्वीट में मौजूद रहा और उससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने अफगानिस्तान से कहा कि ‘पाकिस्तान पर नजर है.’ विदेश सचिव तहमीना जंजुआ और एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नसीर जंजुआ ने भी बैठक को संबोधित किया.

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