वाशिंगटन:
अमेरिकी एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि उनका देश कैलीफोर्निया स्थित ट्राई वैली यूनीवर्सिटी की ओर से किये गए वीजा घोटाले से प्रभावित एक हजार से अधिक भारतीय छात्रों के मामले को निष्पक्ष ढंग निपटाने के भारत के अनुरोध की समीक्षा कर कर रहा है। इस सप्ताह के शुरूआत में अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने ट्राई वैली यूनिवर्सिटी के बंद होने से प्रभावित भारतीय छात्रों के मामले को निष्पक्ष एवं तार्किंग ढंग से देखने का अनुरोध किया था। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, उन्होंने ऐसा किया है और हम भी पत्र की समीक्षा कर रहे हैं और इसका जवाब देने का इरादा रखते हैं। उन्होंने बताया, 19 अक्तूबर तक ट्राई वैली यूनिवर्सिटी के 1,500 छात्रों में से 435 को अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण की मंजूरी दे दी गई है। विक्टोरिया ने बताया कि शेष मामलों में कोशिश जारी है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक अत्यधिक भयावह वीजा फर्जीवाड़ा है, जिसमें एक विश्वविद्यालय ने कई छात्रों का दाखिला लिया और बाद में यह एक फर्जी शैक्षणिक संस्थान निकला। उन्होंने बताया कि इसी के चलते संघीय अधिकारियों ने ट्राई वैली यूनिवर्सिटी को 11 जनवरी को बंद कर दिया। प्रवक्ता ने बताया, हम भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, हमने भारतीय अधिकारियों से अमेरिका में इन छात्रों के लिए अन्य स्थान ढूंढने को कहा है। उन्होंने कहा कि विदेश विभाग में अमेरिका में संस्थानों से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर वीजा जारी किया जाता है। विक्टोरिया ने कहा, इसलिए जब हमें इस बारे में जानकारी मिली तब हमने इसकी न्यायिक समीक्षा कराने का फैसला किया। जैसा कि मैंने बताया कि इस फर्जी संस्थान को अमेरिकी न्याय विभाग के अधिकारियों ने बंद कर दिया है। गौरतलब है कि इस हफ्ते के पहले निरूपमा राव ने हिलेरी क्लिंटन को एक पत्र लिखकर उन भारतीय छात्रों के मामलों पर विचार करने को कहा था, जो ट्राई वैली यूनिवर्सिटी के बंद होने से प्रभावित हुए हैं।
This Article is From Oct 27, 2011