जापान (Japan) में टोक्यो (Tokyo) की अदालत ने फुकुशिमा परमाणु प्लांट (Fukushima Nuclear Plant) में 2011 में सुनामी के बाद हुई परमाणु दुर्घटना के समय रहे अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो 13 ट्रिलियन येन यानि लगभग ($94.8 billion) का जुर्माना भरें. टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के चार अधिकारियों पर शेयरहोल्डर्स ने मुकदमा किया था. बता दें कि 2011 में आई सुनामी में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट खतरनाक तरीके से प्रभावित हुआ था. परमाणु रिएक्टर में विस्फोट हुए थे और यहां से समुद्र में रेडिएशन लीक होने लगा था. इसके कारण लाखों की संख्या में लोगों को विस्थापित होना पड़ा था.
Tokyo court orders ex-bosses of Tokyo Electric Power Company, the operator of the Fukushima nuclear plant involved in the 2011 disaster, to pay around 13 trillion yen ($94.8 billion) in damageshttps://t.co/6MXg5YPRMZ#AFPGraphics on the 2011 Fukushima nuclear disaster pic.twitter.com/2F7ZHFoKuY
— AFP News Agency (@AFP) July 13, 2022
फिलहाल प्लांट के टैंकों में लगभग 1.25 मिलियन टन पानी जमा हो रखा है. इसमें प्लांट को ठंडा रखने के लिए जमा किया गया पानी और बारिश और जमीन से रिसने वाली पानी शामिल है. एक पंपिंग और फिल्ट्रेशन सिस्टम जिसे ALPS यानी Advanced Liquid Processing System के तौर पर जाना जाता है, वो यहां हर रोज प्रदूषित पानी को फिल्टर करके इससे अधिकतर रेडियोएक्टिव तत्व निकाल देता है.
जापान ने पिछले साल अप्रेल में अपने प्रभावित फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से एक मिलियन टन से भी ज्यादा प्रदूषित पानी समुद्र में छोड़ने की योजना बनाई थी. जापान की सरकार ने इसकी जानकारी दी थी. इस योजना की घोषणा तब की गई , जब जापान के पड़ोसी देशों और स्थानीय मछुआरा समुदाय इसका विरोध कर रहे थे. हालांकि, यह प्रक्रिया शुरू होने में अभी कई साल हैं और इसके पूरा होने में कई दशक लग जाएंगे, लेकिन इस योजना के लेकर जापान से लेकर पूरी दुनिया में बहस छिड़ गई थी.
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