हॉन्ग कॉन्ग ( Hong Kong) लगातार विदेशी कामगारों (expat) के रहने के लिए सबसे महंगा शहर बना हुआ है. एक नई स्टडी के मुताबिक न्यूयार्क (New York) और जेनेवा (Geneva) इस रैंकिंग में दूसरे और तीसरे स्थान पर आते हैं. ECA International के मुताबिक ऊंचे दामों और मजबूत मुद्रा ने एशियाई शहर हांग-कांग को सबसे मंहगा बना दिया है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, ईसीए ने इस साल मार्च में अपनी रिसर्च की थी. लंदन (London) और टोक्यो (Tokyo) भी दुनिया के पांच सबसे महंगे शहरों में शुमार हैं. बढ़ते किराए के दामों के कारण लंदन और न्यूयॉर्क टॉप 5 में पहुंचे. इन शहरों में 20% और 12% किराए में क्रमश: बढ़ोतरी हुई है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बाद बाजार महामारी से पहले के स्तर पर नहीं पहुंचा है लेकिन न्यूयॉर्क में रहने की जगहों का बाजार दोबारा कम हो रहा है जिसका कारण है कोविड19 के कम मामले होना.
इसके अलावा, सिंगापुर 13वें स्थान पर है, किराए, पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के बावजूद क्योंकि यहां सिंगापुरी डॉलर की कीमत कम हुई. जापानी शहर भी कमजोर येन के कारण इस रेंकिंग में गिरे जबकि चीनी शहर दुनिय के सबसे महंगे शहरों की रैंकिंग में बढ़े हैं. शंघाई और गुआंगझू 8वें और 9वें स्थान पर हैं- क्योंकि डॉलर के मुकाबले युआन मजबूत हुआ.
इस सर्वे की कुछ और अहम जानकारियां ये रहीं.
- पिछले साल की तुलना में सभी शहरों में पेट्रोल के दाम 37% बढ़े, बेरुत में यह बढ़ोतरी 1,128% रही.
- तुर्की की राजधानी अंकारा दुनिया में expats के रहने के लिए सबसे सस्ती जगह है. यह पांच स्थान गिर तक 207वें स्थान पर आ गई है.
- यूक्रेन के युद्ध के कारण रैंकिंग में शामिल शहरों में औसतन 25% खाने के तेल के दाम बढ़े.
- तेहरान में ईंधन के दाम सबसे कम रहे, यहां एक लीटर पेट्रोल केवल $0.09 का था जबकि एक कप कॉफी $5.21 की थी. जबकि हांग-कांग में $3.04 प्रति लीटर पेट्रोल था और टमाटर $11.51 प्रति किलो थे. लेकिन इन दामों में हांग-कांग को सबसे महंगा शहर बना दिया.
ECA इंटरनेशनल दुनिया में 490 जगहों पर सामान और सेवाओं की कीमतों पर नज़र रखता है. यह दुनिया की 410 जगहों पर किराए की कीमतों पर भी ध्यान रखता हैय ताजा रिपोर्ट में 120 देशों के 207 शहरों को शामिल किया गया है.
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