ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के लिए एक समान मुद्रा की संभावना पर जोहानिसबर्ग सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए एकत्रित प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनने की उम्मीद नहीं दिख रही है. दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में आयोजित हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित कारोबारी प्रतिनिधियों की चर्चा के दौरान ब्रिक्स मुद्रा के बारे में चर्चा हुई, लेकिन किसी भी सदस्य देश के नेता ने अभी तक इस मुद्दे का उल्लेख नहीं किया है.
स्टैंडर्ड बैंक ग्रुप के मुख्य कार्यकारी सिम त्साबलाला ने सदस्य देशों के कारोबारी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, 'ब्रिक्स बिजनेस फोरम ने अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली के बारे में विस्तार से चर्चा की. प्रतिभागियों ने इस पर विचार किया कि ब्रिक्स के लिए एक मुद्रा लाना संभव है या ऐसा किया जाना चाहिए. इसके पक्ष एवं विपक्ष दोनों पहलुओं पर चर्चा हुई और कोई भी सहमति नहीं बन पाई.'
त्साबलाला ने ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल फोरम की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, 'अफ्रीका के नजरिये से देखें तो अखिल अफ्रीकी भुगतान एवं निपटान प्रणाली पर चर्चा होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें व्यापार एवं वृद्धि को तेज करने की असीमित संभावनाएं हैं. हालांकि एक बैंकर के तौर पर देखूं तो भुगतान प्रणाली के साथ रिजर्व मुद्रा के बारे में भी अधिक चर्चा होनी चाहिए थी.'
उन्होंने कहा, 'एक अंतरराष्ट्रीय रिजर्व मुद्रा की जरूरी विशेषताओं को लेकर वास्तविक नजरिया रखना चाहिए. इनमें से एक यह है कि यह मुद्रा ऐसे केंद्रीय बैंक से जारी होनी चाहिए जिसकी मौद्रिक नीति लागू करने में उच्च विश्वसनीयता हो. यह कई जगहों पर बड़ी मात्रा में आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए और हमेशा ही यह पूर्ण-परिवर्तनीय हो.' ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका की भागीदारी वाले ब्रिक्स समूह का शिखर सम्मेलन जोहानिसबर्ग में आयोजित हो रहा है.
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