प्रतीकात्मक तस्वीर...
वॉशिंगटन:
अमेरिका साल 2015 में हथियारों की बिक्री में वैश्विक स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा है. उसने करीब 40 अरब डॉलर के हथियार बेचे हैं. यह दुनिया के हथियार बाजार के सभी समझौतों का आधा हिस्सा है और उसके निकटतम प्रतिद्वंदी फ्रांस से दोगुने से अधिक है.
अमेरिकी कांग्रेस के एक नए अध्ययन में यह कहा गया है.
पाकिस्तान सहित विकासशील देश 2015 में हथियारों के सबसे बड़े क्रेता बने रहे. कतर ने पिछले साल हथियारों के लिए 17 अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद क्रमश: मिस्र, सऊदी अरब का स्थान है.
'विकासशील देशों को पारंपरिक हथियार हस्तांतरण, 2008-2015' शीषर्क वाली रिपोर्ट कांग्रेस की रिसर्च सर्विस ने तैयार की है जो लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस का एक विभाग है. इसे पिछले हफ्ते सांसदों को सौंपा गया.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा है वैश्विक तनाव और जोखिम से इसके कम होने के कुछ संकेत मिले हैं. हथियारों का कुल वैश्विक कारोबार 2014 के 89 अरब डॉलर से घटकर 2015 में 80 अरब डॉलर के करीब हो गया.
वैश्विक हथियार बाजार में एक और वर्चस्वशाली देश रूस को हथियारों के आर्डर में मामूली कमी आई है. लातिन अमेरिकी देश खासकर वेनेजुएअला रूसी हथियारों का बाजार बन कर उभरा है. चीन हथियारों की बिक्री के मामले में साल 2014 के तीन अरब डॉलर से बढ़ कर छह अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिकी कांग्रेस के एक नए अध्ययन में यह कहा गया है.
पाकिस्तान सहित विकासशील देश 2015 में हथियारों के सबसे बड़े क्रेता बने रहे. कतर ने पिछले साल हथियारों के लिए 17 अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद क्रमश: मिस्र, सऊदी अरब का स्थान है.
'विकासशील देशों को पारंपरिक हथियार हस्तांतरण, 2008-2015' शीषर्क वाली रिपोर्ट कांग्रेस की रिसर्च सर्विस ने तैयार की है जो लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस का एक विभाग है. इसे पिछले हफ्ते सांसदों को सौंपा गया.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा है वैश्विक तनाव और जोखिम से इसके कम होने के कुछ संकेत मिले हैं. हथियारों का कुल वैश्विक कारोबार 2014 के 89 अरब डॉलर से घटकर 2015 में 80 अरब डॉलर के करीब हो गया.
वैश्विक हथियार बाजार में एक और वर्चस्वशाली देश रूस को हथियारों के आर्डर में मामूली कमी आई है. लातिन अमेरिकी देश खासकर वेनेजुएअला रूसी हथियारों का बाजार बन कर उभरा है. चीन हथियारों की बिक्री के मामले में साल 2014 के तीन अरब डॉलर से बढ़ कर छह अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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