भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
अशगाबात (तुर्कमेनिस्तान):
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस अरब अमेरिकी डॉलर लागत वाली तापी पाइपलाइन परियोजना के जल्द कार्यान्वयन की हिमायत करते हुए शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश को लेकर भारत की रुचि प्रकट की। दोनों देशों ने सात महत्तवपूर्ण समझौतों पर दस्तखत किए और क्षेत्र में आतंकवाद से मिलकर लड़ने का संकल्प किया।
तापी (तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत) परियोजना को दोनों देशों के बीच संबंधों की महत्वपूर्ण पहल करार देते हुए मोदी ने कहा कि पाइपलाइन के लिए ईरान के जरिए भूमि एवं समुद्री मार्ग की संभावना तलाशनी चाहिए।
परियोजना का लक्ष्य तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान के रास्ते भारत और पाकिस्तान को गैस आपूर्ति करना है। दुनिया में प्राकृतिक गैस भंडार के लिहाज से तुर्कमेनिस्तान चौथा सबसे बड़ा देश है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में कहा, 'प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद भारत और तुर्कमेनिस्तान ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौते किए हैं।'
ये समझौते रक्षा, रासायनिक उत्पादों की आपूर्ति, विदेशी मामलों, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दवाई और पर्यटन क्षेत्र में किए गए हैं।
इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहमदोव के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद, संगठित अपराध और मादक द्रव्यों की तस्करी से निपटने के प्रयास तेज करने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान और मध्य एशिया में शांति और स्थिरता को लेकर हमारे साझा हित हैं। अपने क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने का हमारा साझा उद्देश्य से भी है।
तापी (तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत) परियोजना को दोनों देशों के बीच संबंधों की महत्वपूर्ण पहल करार देते हुए मोदी ने कहा कि पाइपलाइन के लिए ईरान के जरिए भूमि एवं समुद्री मार्ग की संभावना तलाशनी चाहिए।
परियोजना का लक्ष्य तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान के रास्ते भारत और पाकिस्तान को गैस आपूर्ति करना है। दुनिया में प्राकृतिक गैस भंडार के लिहाज से तुर्कमेनिस्तान चौथा सबसे बड़ा देश है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में कहा, 'प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद भारत और तुर्कमेनिस्तान ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौते किए हैं।'
ये समझौते रक्षा, रासायनिक उत्पादों की आपूर्ति, विदेशी मामलों, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दवाई और पर्यटन क्षेत्र में किए गए हैं।
इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहमदोव के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद, संगठित अपराध और मादक द्रव्यों की तस्करी से निपटने के प्रयास तेज करने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान और मध्य एशिया में शांति और स्थिरता को लेकर हमारे साझा हित हैं। अपने क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने का हमारा साझा उद्देश्य से भी है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं