व्हाट्सऐप (Whatsapp) जैसी टेक कंपनियों के खिलाफ दुनिया भर में शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. ताजा मामला यूरोपीय संघ का है, जहां यूरोपियन कंज्यूमर आर्गेनाइजेशन ने व्हाट्सऐप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का निर्णय़ लिया है. इस कंपनी पर डेटा फेसबुक के साथ शेयर करने के लिए मजबूर करने और इसको लेकर कोई सफाई न देने का आरोप है. व्हाट्सऐप का स्वामित्व भी फेसबुक करती है. व्हाट्सऐप पर नई शर्तों को स्वीकार करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगा है.
यूरोपीय उपभोक्ता संघ (European Consumer Organisation) ने सोमवार को घोषणा की थी कि उसने यूरोपीय आयोग के समक्ष फेसबुक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत उसकी ही कंपनी व्हाट्सऐप की नियम-शर्तों (WhatsApp terms of service) में बदलाव के प्रयास के खिलाफ है. इन अमेरिकी कंपनियों पर आरोप है कि वे यूजर्स पर नए नियम-शर्तें मानने का दबाव डाल रहे हैं. हालांकि फेसबुक (Facebook) ने इस बात से इनकार किया है कि नए नियमों के तहत व्हाट्सऐप को उसके मुख्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक) के साथ यूजर्स का ज्यादा डेटा शेयर करना होगा.
नियामकों और निजता के अधिकारों के समर्थकों ने भी इस कदम की निंदा की है. जर्मनी समेत कुछ देशों में एजेंसियों ने इन पर अस्थायी रोक का फैसला भी लिया है. उपभोक्ता समूह का आरोप है कि फेसबुक इसके लिए यूजर्स पर दबाव डाल रहा है. समूह के निदेशक मोनिक गोयेंस ने कहा कि व्हाट्सऐप लगातार यूजर्स को पॉपअप मैसेज भेज रहा है और उन पर नई नियम शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने का दबाव डाल रहा है.
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