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This Article is From Feb 17, 2021

Texas Power Outage : US के टेक्सस में भयंकर बिजली संकट, आखिर क्यों 40 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर?

Texas Power Outage : टेक्सस में जो समस्या सामने आई है, वो इंजीनियरिंग की समस्या नहीं है, न ही यह पवन चक्कियों के जम जाने की वजह से हुआ है. दरअसल, यह समस्या यह ऊर्जा सेक्टर के उस वित्तीय ढांचे के चलते पैदा हुई है, जो पावर प्लांट्स के मालिकों को कोई इंसेटिव नहीं देती, ताकि वो ऐसे हालात के लिए तैयार हो सकें.

Texas Power Outage : US के टेक्सस में भयंकर बिजली संकट, आखिर क्यों 40 लाख लोग अंधेरे में रहने को मजबूर?
टेक्सस में भयंकर ठंड और बर्फबारी के चलते पावर ग्रिड फेल हो चुका है.

अमेरिकी राज्य टेक्सस में फिलहाल लगभग 40 लाख लोग बिना बिजली के रहे हैं. यहां बर्फबारी और तापमान गिरने की वजह से इलेक्ट्रसिटी पॉवर ग्रिड में बिजली पैदा नहीं हो पा रही. जब ठंड होती तो बिजली पैदा कर पाना मुश्किल होता है. टेक्सस और पड़ोसी राज्यों के लोगों को यह तथ्य तो समझ आ रहा है, लेकिन ऐसा करना नामुमकिन नहीं है क्योंकि अलास्का, कनाडा, मेन, नॉर्वे और साइबेरिया जैसी जगहों पर ऐसे ही हालातों में बिजली पैदा की जाती है. फिर टेक्सस के सामने यह समस्या कैसे खड़ी हुई?

टेक्सस में जो समस्या सामने आई है, वो इंजीनियरिंग की समस्या नहीं है, न ही यह पवन चक्कियों के जम जाने की वजह से हुआ है, जैसा कि कई रिपब्लिकन सांसद कह रहे हैं. दरअसल, यह समस्या यह ऊर्जा सेक्टर के उस वित्तीय ढांचे के चलते पैदा हुई है, जो पावर प्लांट्स के मालिकों को कोई इंसेटिव नहीं देती, ताकि वो ऐसे हालात के लिए तैयार हो सकें. आलोचकों का कहना है कि फ्री मार्केट और डिरेगुलेशन के नाम पर टेक्सस में ऐसा पावर ग्रिड खड़ा किया गया है, जो भरोसेमंद सेवा के बजाय सस्ती कीमतों पर बिजली देने पर जोर देता है.

एनालिटिक्स फर्म EcoFin/Tortoise के पोर्टफोलियो डिजाइनर मैट ब्रेडर्ट ने कहा कि यहां का मार्कट डिजाइन 'शॉर्ट-रन प्राइस के आधार' पर बना हुआ है. इसके बावजूद सोमवार और मंगलवार को मार्केट में ह्यूस्टन में एक मेगावॉट प्रति घंटे बिजली की होलसेल कीमतें 22 डॉलर की दर से बढ़कर 9,000 डॉलर तक पहुंच चुकी है.  

टेक्सस सहित ओकलाहोमा और लुइसियाना के कुछ हिस्सों में ठंड की वजह से जो यह समस्या खड़ी हुई है, उससे यूनाइटेड स्टेट्स में पावर इंफ्रास्ट्रक्चर की नजरअंदाज की जाती रही स्थिति की ओर ध्यान गया है. फिलहाल टेक्सस के पॉवर सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स के सामने यह सवाल है कि क्या वो ठंड के चलते उठाए जा सकने वाले कदमों के लिए पैसे चुकाने को तैयार हैं? भले ही ऐसे हालात का सामना उन्हें दशकों में एक बार करना पड़े.

आखिरकार हुआ क्या ?

टेक्सस में जितनी बिजली बनती है, उसका 10 फीसदी विंड टरबाइनों से बनता है. नेचुरल गैस के सहारे काम करने वाले कई थर्मल पॉवर प्लांट के शटडाउन के चलते ग्रिड से पावर टूट गया. बर्फबारी में जम चुके विंड टरबाइनों के चलते यहां पावर सप्लाई और गिर गई. ठंड की वजह से यहां बिजली की मांग बढ़ गई, लेकिन नेचुरल गैस से भरे टेक्सस के कुएं भी मदद नहीं आए क्योंकि पॉवर जेनरेटिंग ऑपरेटर्स इस गैस को बिजली में नहीं बदल पाए. तापमान यहां सिंगल डिजिट में था. गैस में नमी होने की वजह से पाइपलाइनें जम गईं. पंप धीमे पड़ गए. पंपों को स्टार्ट करने वाले डीजल के इंजन चलने ही बंद हो गए. एक के बाद एक पावर प्लांट बंद होता गया. राज्य में स्थित दो के दो न्यूक्लियर प्लांट जम चुके उपकरणों के साथ ठप हो गए.

यूनिवर्सिटी ऑफ टुल्सा के स्कूल ऑफ एनर्जी इकॉनमिक्स के डायरेक्टर टॉम सेंग ने कहा, 'पूरे दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में गैस के लिए संघर्ष देखा गया है क्योंकि अधिकतर सोर्स ऑफलाइन चले गए हैं. सरप्लस गैस को जमीन के अंदर स्टोर करके रखा गया है और इसे ऊपर लाना ऐसे कम तापमान में बहुत मुश्किल हो जाता है.'

टेक्सस ऐसा अलग ही पावर ग्रिड सिस्टम है, जो बाकी पूरे देश से अलग कटा हुआ है. ऐसे में यहां पर दूसरे राज्यों से बिजली मांग पाने का रास्ता भी नहीं है. और वैसे भी ठंड इतनी ज्यादा है कि दूसरे राज्यों के पास भी अतिरिक्त बिजली देने का विकल्प आसान नहीं है.

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