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तालिबान के साथ शांति और सुलह के प्रयासों के मामले में अमेरिका फूंक-फूंककर कदम रखना चाहता है। उसका कहना है कि तालिबान के साथ शांति वार्ता अभी शुरू नहीं हुई है, हालांकि निकट भविष्य में ऐसा मुमकिन है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत मार्क ग्रॉसमैन ने कहा कि इस सप्ताह काबुल में तालिबान के साथ कोई वार्ता नहीं होगी क्योंकि दोनों पक्षों के बातचीत के मेज पर साथ आने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है।
समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक ग्रॉसमैन ने कहा कि कतर को अब भी दोहा में तालिबान के प्रस्तावित दफ्तर को लेकर बातचीत करनी है और तालिबान को भी यह स्पष्ट करना है कि वे वाकई शांति वार्ता के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के शामिल होने तक अफगानिस्तान को लेकर कोई समग्र बातचीत नहीं हो सकती।’ ग्रॉसमैन इन दिनों काबुल में हैं और इसके बाद वह कतर जाएंगे। दोहा में तालिबान का एक दफ्तर खोले जाने को लेकर बातचीत होनी है।
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